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बेटियों की परवरिश के लिए दर-दर ठोकर खा रहा कैंसर पीड़ित, सरकार से लगाई गुहार

कैंसर पीड़ित जितेंद्र ने सरकार से मांग की है कि उनकी बेटियों की शिक्षा और परवरिश को ध्यान में रखते हुए उनकी पत्नी संगीता को सरकारी नौकरी दी जाए.

Pithoragarh News
जितेंद्र शाह
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Published : Jul 28, 2021, 7:21 AM IST

पिथौरागढ़: चंडाक क्षेत्र के जीवलपाटा निवासी जितेंद्र शाह पिछले 4 साल से नाक के कैंसर से जूझ रहे हैं. जितेंद्र की दो छोटी बेटियां हैं और परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है. ऐसे में कैंसर पीड़ित जितेंद्र ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने सरकार से बेटियों की शिक्षा और परवरिश के लिए पत्नी संगीता को नौकरी देने की मांग की है.

कैंसर पीड़ित जितेंद्र पिछले चार साल दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. जितेंद्र शाह मुंबई में एक प्राइवेट जॉब करते थे. जहां 4 साल पहले उनके नाक में कैंसर का पता चला. कैंसर के इलाज में जितेंद्र अपनी सारी जमा पूंजी गंवा चुके हैं, मगर कोई फायदा नहीं हुआ. जिसके बाद जितेंद्र मुंबई से घर लौटे. परिवार में जितेंद्र के अलावा कोई कमाने वाला नहीं है. कैंसर पीड़ित जितेंद्र ने सरकार से मांग की है कि उनकी बेटियों की शिक्षा और परवरिश को ध्यान में रखते हुए उनकी पत्नी संगीता को सरकारी नौकरी दी जाए. ताकि वो बेटियों का भरण पोषण कर सके.

बेटियों की परवरिश के लिए दर-दर ठोकर खा रहा कैंसर पीड़ित.

पढ़ें-कैबिनेट: कौसानी बनेगा नगर पंचायत, पंतनगर में बनेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट

जितेंद्र का कहना है कि भाजपा सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करती है. ऐसे में सरकार को उनके परिवार की मदद के लिए आगे आना चाहिए. वहीं, सीएमओ पिथौरागढ़ हरीश चंद्र पंत ने जितेंद्र को हर सम्भव मदद देने का भरोसा दिलाया है.

पिथौरागढ़: चंडाक क्षेत्र के जीवलपाटा निवासी जितेंद्र शाह पिछले 4 साल से नाक के कैंसर से जूझ रहे हैं. जितेंद्र की दो छोटी बेटियां हैं और परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है. ऐसे में कैंसर पीड़ित जितेंद्र ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने सरकार से बेटियों की शिक्षा और परवरिश के लिए पत्नी संगीता को नौकरी देने की मांग की है.

कैंसर पीड़ित जितेंद्र पिछले चार साल दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. जितेंद्र शाह मुंबई में एक प्राइवेट जॉब करते थे. जहां 4 साल पहले उनके नाक में कैंसर का पता चला. कैंसर के इलाज में जितेंद्र अपनी सारी जमा पूंजी गंवा चुके हैं, मगर कोई फायदा नहीं हुआ. जिसके बाद जितेंद्र मुंबई से घर लौटे. परिवार में जितेंद्र के अलावा कोई कमाने वाला नहीं है. कैंसर पीड़ित जितेंद्र ने सरकार से मांग की है कि उनकी बेटियों की शिक्षा और परवरिश को ध्यान में रखते हुए उनकी पत्नी संगीता को सरकारी नौकरी दी जाए. ताकि वो बेटियों का भरण पोषण कर सके.

बेटियों की परवरिश के लिए दर-दर ठोकर खा रहा कैंसर पीड़ित.

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जितेंद्र का कहना है कि भाजपा सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करती है. ऐसे में सरकार को उनके परिवार की मदद के लिए आगे आना चाहिए. वहीं, सीएमओ पिथौरागढ़ हरीश चंद्र पंत ने जितेंद्र को हर सम्भव मदद देने का भरोसा दिलाया है.

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