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पिथौरागढ़: 24 घंटे में हुआ अस्थायी पुल का निर्माण, चीन सीमा तक जवानों की पहुंच हुई थोड़ी आसान

पिथौरागढ़ के तवाघाट में बैली ब्रिज के ध्वस्त हो जाने के बाद सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई हैं. वहीं, प्रशासन ने समस्या को हल करते हुए एक अस्थाई पुल का निर्माण कर दिया है.

bridge in pithoragarh
प्रशासन ने तैयार किया अस्थाई पुल
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Published : Jan 21, 2020, 10:17 AM IST

Updated : Jan 21, 2020, 11:13 AM IST

पिथौरागढ़: धारचूला मुख्यालय को चीन सीमा से जोड़ने वाला तवाघाट पर बना बैली ब्रिज रविवार को लोडेड ट्राला के गुजरते समय ध्वस्त हो गया. इस कारण सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है. पुल ध्वस्त होने से तवाघाट में करीब दो दर्जन वाहन फंस गए हैं. वहीं, प्रशासन ने आवागमन के लिए धौलीगंगा नदी पर अस्थाई पुल का निर्माण कर दिया है, जिसके जरिए पैदल आवाजाही संभव हो पाई है.

प्रशासन ने तैयार किया अस्थाई पुल

बैली पुल टूटने से व्यास और चौदास घाटी की करीब 20 हजार आबादी के लिए संकट पैदा हो गया है. साथ ही सेना, आईटीबीपी और एसएसबी की उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित अग्रिम चौकियों के लिए भी आवागमन की दिक्कत खड़ी हो गई है. जानकारी के अनुसार, इस स्थान पर 15 दिन के भीतर नया बैली ब्रिज लगाने की बात कही जा रही है.

ये भी पढ़ें: पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट पुल टूटा, अग्रिम पोस्ट से जवानों का संपर्क कटा

बता दें कि चीन सीमा को जोड़ने वाले इस अहम पुल के ध्वस्त होने से चौदास घाटी के गाला, पांगला, जिप्ती, गस्कू, पांगला, घटियाबगड़, कुरीला, जयकोट, सिमखोला और व्यास घाटी के बूंदी, गर्ब्यांग, नपलच्यू, गुंजी, नाभी, रौंगकांग, कुटि गांव अलग-थलग पड़ गए हैं.

पिथौरागढ़: धारचूला मुख्यालय को चीन सीमा से जोड़ने वाला तवाघाट पर बना बैली ब्रिज रविवार को लोडेड ट्राला के गुजरते समय ध्वस्त हो गया. इस कारण सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है. पुल ध्वस्त होने से तवाघाट में करीब दो दर्जन वाहन फंस गए हैं. वहीं, प्रशासन ने आवागमन के लिए धौलीगंगा नदी पर अस्थाई पुल का निर्माण कर दिया है, जिसके जरिए पैदल आवाजाही संभव हो पाई है.

प्रशासन ने तैयार किया अस्थाई पुल

बैली पुल टूटने से व्यास और चौदास घाटी की करीब 20 हजार आबादी के लिए संकट पैदा हो गया है. साथ ही सेना, आईटीबीपी और एसएसबी की उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित अग्रिम चौकियों के लिए भी आवागमन की दिक्कत खड़ी हो गई है. जानकारी के अनुसार, इस स्थान पर 15 दिन के भीतर नया बैली ब्रिज लगाने की बात कही जा रही है.

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बता दें कि चीन सीमा को जोड़ने वाले इस अहम पुल के ध्वस्त होने से चौदास घाटी के गाला, पांगला, जिप्ती, गस्कू, पांगला, घटियाबगड़, कुरीला, जयकोट, सिमखोला और व्यास घाटी के बूंदी, गर्ब्यांग, नपलच्यू, गुंजी, नाभी, रौंगकांग, कुटि गांव अलग-थलग पड़ गए हैं.

Intro:पिथौरागढ़: धारचूला मुख्यालय को चीन सीमा से जोड़ने वाले तवाघाट पुल के गिरने से सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो गयी है। पुल ध्वस्त होने से तवाघाट में करीब दो दर्जन वाहन फंस गए है। वहीं प्रशासन ने आवागमन के लिए धौलीगंगा नदी पर अस्थायी पुल का निर्माण कर दिया है। जिसके जरिये पैदल आवाजाही सम्भव हो पाई है। लोग इस पुल के जरिये अपना सामान ढोकर धौलीगंगा नदी को पार कर रहे है और दूसरी तरफ से वाहनों की अदलाबदली कर रहे है। पुल टूटने से व्यास और चौदास घाटी की करीब 20 हजार की आबादी के लिए संकट पैदा हो गया है। साथ ही सेना, आईटीबीपी और एसएसबी की उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित अग्रिम चौकियों के लिए भी आवागमन की दिक्कत खड़ी हो गई है। ग्रिफ से मिली जानकारी के अनुसार इस स्थान पर 15 दिन के भीतर नया बैली ब्रिज लगा दिया जाएगा।
Body:आपको बता दें कि धारचूला से 18 किमी दूर तवाघाट में बना बैली ब्रिज रविवार को एक लोडेड ट्राला गुजरते समय ध्वस्त हो गया था। जिस कारण तवाघाट से धारचूला आने वाले और धारचूला से व्यास और चौदास घाटी को जाने वाले लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। धौलीगंगा नदी पर अस्थायी पुल बनने के बाद अब लोग तवाघाट से ट्रांशिपमेंट कर रहे है। चीन सीमा को जोड़ने वाले इस अहम पुल के ध्वस्त होने से चौदास घाटी के गाला, पांगला, जिप्ती, गस्कू, पांगला, घटियाबगड़, कुरीला, जयकोट, सिमखोला और व्यास घाटी के बूंदी, गर्ब्यांग, नपलच्यू, गुंजी, नाभी, रौंगकांग, कुटि गांव अलग-थलग पड़ गए है।

Byte: मनोज, स्थानीय
Byte: आरडी पालीवाल, एडीएम, पिथौरागढ़Conclusion:
Last Updated : Jan 21, 2020, 11:13 AM IST
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