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LOCKDOWN में फंसे थे पश्चिम बंगाल के 27 पर्यटक, 45 दिन बाद हुए घर को रवाना - लॉक डाउन में फंसे पर्यटक

पश्चिम बंगाल के 27 पर्यटकों का एक दल सद्भावना रिसोर्ट में फंसा था. 45 दिन बाद आज तहसील प्रशासन की मदद से उन्हें घरों की ओर रवाना किया गया.

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Published : May 7, 2020, 10:02 PM IST

बेरीनाग: लॉकडाउन के कारण पिथौरागढ़ जिले के चौकोड़ी में पश्चिम बंगाल के 27 पर्यटकों का एक दल सद्भावना रिसोर्ट में फंसा था. 45 दिन बाद आज तहसील प्रशासन ने उनका मेडिकल चेकअप किया और पास बनवाकर उन्हें उनके घरों की ओर रवाना किया. इससे पहले वे कई बार अपने घर जाने के लिए सरकार से गुहार लगा चुके थे.

लाॅकडाउन होने के कारण सरकार इन पर्यटकों को उनके घर नहीं भेज पा रही थी. इस बीच जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय तहसील प्रशासन द्वारा इनकी मदद की गयी. पर्यटकों को रिसॉर्ट में निःशुल्क भोजन और कम किराये पर कमरे उपलब्ध कराये गये थे.

दल के लीडर सानतोना सरकार और तरकघर ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान यहां पर सभी सुविधायें अच्छी थीं. प्रशासन और सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया गया.

पढ़े: उत्तराखंड में नहीं मिला कोरोना पॉजिटिव केस, 481 मरीजों की रिपोर्ट आई नेगेटिव

नायब तहसीलदार पंकज चंदोला ने बताया कि पिछले पांच दिनों से इन्हें घर भेजने की कार्रवाई की जा रही थी. जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र से लेकर कई प्रमाण पत्रों को तैयार किया गया. सभी सदस्यों का मेडिकल कराकर गुरुवार को प्रशासन द्वारा बसों की व्यवस्था कर उन्हें हल्द्वानी भेजा गया. घर जाने पर पर्यटक काफी खुश नजर आये.

बेरीनाग: लॉकडाउन के कारण पिथौरागढ़ जिले के चौकोड़ी में पश्चिम बंगाल के 27 पर्यटकों का एक दल सद्भावना रिसोर्ट में फंसा था. 45 दिन बाद आज तहसील प्रशासन ने उनका मेडिकल चेकअप किया और पास बनवाकर उन्हें उनके घरों की ओर रवाना किया. इससे पहले वे कई बार अपने घर जाने के लिए सरकार से गुहार लगा चुके थे.

लाॅकडाउन होने के कारण सरकार इन पर्यटकों को उनके घर नहीं भेज पा रही थी. इस बीच जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय तहसील प्रशासन द्वारा इनकी मदद की गयी. पर्यटकों को रिसॉर्ट में निःशुल्क भोजन और कम किराये पर कमरे उपलब्ध कराये गये थे.

दल के लीडर सानतोना सरकार और तरकघर ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान यहां पर सभी सुविधायें अच्छी थीं. प्रशासन और सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया गया.

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नायब तहसीलदार पंकज चंदोला ने बताया कि पिछले पांच दिनों से इन्हें घर भेजने की कार्रवाई की जा रही थी. जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र से लेकर कई प्रमाण पत्रों को तैयार किया गया. सभी सदस्यों का मेडिकल कराकर गुरुवार को प्रशासन द्वारा बसों की व्यवस्था कर उन्हें हल्द्वानी भेजा गया. घर जाने पर पर्यटक काफी खुश नजर आये.

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