ETV Bharat / state

लापरवाही: नसबंदी के बाद भी गर्भवती हुई महिला, बच्चे को जन्म देने के बाद मौत

पौड़ी के जिला अस्पताल में एक महिला ने नसबंदी करवाई थी, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते वो गर्भवती हो गई. वहीं, डिलीवरी के कुछ दिनों बाद ही पीड़िता की मृत्यु हो गई.

नसबंदी के बाद महिला हुई गर्भवती
author img

By

Published : Nov 18, 2019, 8:52 PM IST

पौड़ी: नगर में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही का खामियाजा एक गरीब महिला को भुगतना पड़ा. महिला ने साल 2014 में नसबंदी करवाई थी, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते वो साल 2018 में फिर से गर्भवती हो गई. ऐसे में पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया, वहीं डिलीवरी के कुछ दिनों बाद ही महिला की मृत्यु हो गई.

मामला पौड़ी के जिला अस्पताल का है, जहां दीपा देवी नाम की महिला ने नसबंदी करवाई थी, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते वो गर्भवती हो गई और एक बच्चे को जन्म दिया. वहीं, डिलीवरी के कुछ दिनों बाद ही पीड़िता की मृत्यु हो गई. वहीं मृतका के पति केदार सिंह का आरोप है कि नसबंदी ठीक से न होने के चलते उसकी पत्नी की मृत्यु हुई है. उन्होंने जिलाधिकारी से मामले की शिकायत की.

नसबंदी के बाद महिला हुई गर्भवती

ये भी पढ़ें: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह का बड़ा बयान, 'लोकसभा की पांचों सीटें पीएम मोदी की वजह से जीती'

वहीं, इस मामले में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि मामला साल 2014 का है और नियमानुसार पीड़ित को तीन महीने के अंदर इसकी शिकायत करनी थी, लेकिन पीड़ित ने मामले को चार साल बाद उठाया. गर्ब्याल ने बताया कि पीड़ित की शिकायत दर्ज कर ली गई है. वहीं उन्होंने अन्य मदों से पीड़ित परिवार की मदद करने की बात कही है.

पौड़ी: नगर में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही का खामियाजा एक गरीब महिला को भुगतना पड़ा. महिला ने साल 2014 में नसबंदी करवाई थी, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते वो साल 2018 में फिर से गर्भवती हो गई. ऐसे में पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया, वहीं डिलीवरी के कुछ दिनों बाद ही महिला की मृत्यु हो गई.

मामला पौड़ी के जिला अस्पताल का है, जहां दीपा देवी नाम की महिला ने नसबंदी करवाई थी, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते वो गर्भवती हो गई और एक बच्चे को जन्म दिया. वहीं, डिलीवरी के कुछ दिनों बाद ही पीड़िता की मृत्यु हो गई. वहीं मृतका के पति केदार सिंह का आरोप है कि नसबंदी ठीक से न होने के चलते उसकी पत्नी की मृत्यु हुई है. उन्होंने जिलाधिकारी से मामले की शिकायत की.

नसबंदी के बाद महिला हुई गर्भवती

ये भी पढ़ें: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह का बड़ा बयान, 'लोकसभा की पांचों सीटें पीएम मोदी की वजह से जीती'

वहीं, इस मामले में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि मामला साल 2014 का है और नियमानुसार पीड़ित को तीन महीने के अंदर इसकी शिकायत करनी थी, लेकिन पीड़ित ने मामले को चार साल बाद उठाया. गर्ब्याल ने बताया कि पीड़ित की शिकायत दर्ज कर ली गई है. वहीं उन्होंने अन्य मदों से पीड़ित परिवार की मदद करने की बात कही है.

Intro:जनपद पौड़ी में स्वास्थ व्यवस्था का खामियाजा एक गरीब  पीड़ित परिवार को भुगतना पड़ा है लचर स्वास्थ व्यवस्था के कारण अपना परिवार खो देने वाला एक पीड़ित व्यक्ति केदार सिंह पिछले डेढ़ साल से  इन्साफ की गुहार शासन प्रशासन से लगा रहा है और आज जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर इंसाफ की मांग कर रहा है। दरअसल साल 2014 में सीमित परिवार की चाह रखने के लिए केदार ने अपनी पत्नी दीपा देवी की नशबंदी जिला अस्पताल पौड़ी में करवाई थी और साल 2018 में नशबन्दी  की विफलता के कारण गर्भवती हुई दीपा को जब केदार ने प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पाठीसैण पहुंचया जहां उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। डीलीवरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद दीपा का स्वास्थ बिगड़ता देख पहले दीपा को जिला चिकत्सालय पौड़ी लाया गया यहाँ भी दीपा की हालत नाजुक देख उसे श्रीनगर बेस चिकित्सालय रेफर किया गया लेकिन दीपा ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया जिस पर मृतक दीपा के पति ने मौत का जिम्मेदार स्वास्थ सेवाओ को माना केदार का आरोप है की उसकी पत्नी की मौत नशबंदी फेल हो जाने के वजह से हुई है और अब उनके परिवार का भरण पोषण करने के लिए उनके पास कोई श्रोत नहीं है उनकी पत्नी नौकरी में थी जिसकी मौत होने के बाद उनके ऊपर आर्थिक संकट मंडराने लगा है।



Body:लंबे समय से न्याय की मांग को लेकर दर-दर भटकने वाले केदार सिंह आज जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। केदार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की गलतियों का खामियाजा उनके और उनके मासूम बच्चों को भुगतना पड़ रहा है न्याय की मांग को लेकर लंबे समय से दर-दर भटक रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है उनकी पत्नी नौकरी में थी जिससे उनके परिवार का भरण पोषण होता था उनकी पत्नी की मौत के बाद उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है और उनके बच्चों का जीवन यापन करने में काफी परेशानी हो रही है बताया कि इन्साफ को लेकर वह सचिवालय से लेकर  जनप्रतिनिधियो के चक्कर भी काट चुके है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नही हो पायी है। वहीं जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि मामला साल 2014 का है और नियमानुसार 3 माह के अंदर इसकी शिकायत की जानी थी लेकिन 4 साल बाद की ओर से शिकायत दर्ज की गई है वहीं पारिवारिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने मामले को स्वास्थ्य महानिदेशक को भेज दिया गया है और अन्य मदों से परिवार की मदद की जाएगी ताकि  इनकी समस्या का निवारण हो सके और परिवार का भरण पोषण हो सके।
बाईट -केदार सिंह(पीड़ित)
बाईट-धीराज सिंह(डीएम पौड़ी)


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.