कोटद्वार: बीते साल नगर निगम कोटद्वार में ₹96.34 लाख सरकारी धन का गबन करने के मामले में पुलिस ने दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी गबन मामले का खुलासा होने के बाद से ही फरार चल रहे थे. मामले में एक महिला सहित 5 कर्मियों पर नगर निगम कोटद्वार के खाते से ₹96.34 लाख पर हाथ साफ करने का आरोप था. एसएसपी ने बताया सरकारी धन गबन मामले में नगर निगम कोटद्वार में तैनात कर्मी अहसान पुत्र अकबर, निवासी आम पड़ाव भैरव मंदिर और नीरज रावत पुत्र सुरेंद्र सिंह, निवासी सिताबपुर कोटद्वार को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बता दें कि 31 जुलाई 2022 को नगर निगम कोटद्वार के तत्कालीन नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने पंकज रावत वरिष्ठ सहायक नगर निगम कोटद्वार सहित अहसान अहमद, नीरज रावत, राजपाल सिंह, सुमिता देवी और रमेश चंद्र चौधरी पर नगर निगम कोटद्वार के खाते से अवैध रूप से धनराशि निकालने का आरोप लगाया था. इन सभी पर मिलीभगत से ₹96 लाख 34 हजार 860 रुपये का गबन करने का आरोप है.
कोतवाली ने प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच की शुरू की. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने विवेचना कोतवाल मोहम्मद अकरम को सौंपी. विवेचना के दौरान इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं की बढ़ोतरी की गई. साथ ही मामला सीओ ऑपरेशन वैभव सैनी के सुपुर्द की गयी. मामले में आरोपी सुमिता देवी और कुलदीप सिंह को बीते साल 8 दिसंबर, जबकि आरोपी पंकज को 14 दिसंबर 2022 को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. वहीं, आरोपी अहसान और नीरज रावत फरार चल रहा था.
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एसएसपी श्वेता चौबे ने बताया प्रकरण सरकारी धन के गबन से जुड़ा हुआ था, जिसके चलते दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई थी. प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए एक अतिरिक्त पुलिस टीम गठित की गई. पुलिस को दोनों फरार आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के आदेश दिए गए. पुलिस टीम ने ठोस रणनीति और सर्विलांस की मदद से आरोपी अहसान और नीरज रावत को गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश करने की कार्रवाई कर रही है.