पौड़ीः फर्जी शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की मदद से पिछले 12 सालों से बतौर शिक्षक नौकरी कर रहे एक शिक्षक उपेंद्र सिंह की विभाग की ओर से सेवाएं समाप्त कर दी गईं हैं. वहीं, अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल की ओर से बताया गया है कि, उक्त शिक्षक के शैक्षणिक प्रमाण पत्र एसआईटी जांच में फर्जी पाए गए थे, जिसके बाद विभागीय अधिकारियों ने शिक्षक को नोटिस भेजकर अपने पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन शिक्षक ने साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए, जिसके बाद शिक्षक की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है.
बता दें कि, गढ़वाल मंडल के कीर्तिनगर ब्लॉक में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राड़ागाड़ में सहायक अध्यापक अंग्रेजी के रूप तैनात उपेंद्र सिंह की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है. अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मंडल महाबीर बिष्ट ने बताया कि, शिक्षक उपेंद्र सिंह की सहायक अध्यापक के तौर पर जून 2008 में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ग्वाड़टोला में तैनाती दी गई थी. वहीं, विभाग को उपेंद्र के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी होने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके बाद शिक्षक के सभी दस्तावेजों के एसआईटी जांच करवाई गई. जांच के बाद पाया गया कि उपेंद्र के बीए व एमए के शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी हैं.
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वहीं, खंड शिक्षाधिकारी कीर्तिनगर ने उपेंद्र के खिलाफ 13 फरवरी 2019 को कोतवाली कीर्तिनगर में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसके साथ ही उप शिक्षाधिकारी कीर्तिनगर को जांच अधिकारी नामित करते हुए उपेंद्र पर लगाए गए आरोपों की विभागीय जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश भी जारी किए थे. विभाग की ओर से उपेंद्र को अपने पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा गया. लेकिन तय समय तक भी उपेंद्र ने साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए, जिसके बाद विभाग ने शिक्षक को तत्काल प्रभाव से सेवा से निष्कासित कर दिया है.