देहरादून: श्रीनगर नगर पालिका परिषद को नगर निगम बनाए जाने का फैसला लिया गया है. लेकिन लोगों के सुझाव और आपत्तियों पर भी इसके मद्देनजर विचार किया जाएगा. इसी कड़ी में अधिसूचना जारी होने के बाद लोगों को 7 दिन का वक्त दिया गया है. ताकि वह इस संदर्भ में अपनी आपत्ति और सुझाव दे सकें. नगर निगम बनने के बाद श्रीनगर के आसपास कुल 21 गांव को ही इसका फायदा होगा.
पौड़ी जिले के श्रीनगर क्षेत्र को नगर निगम बनाए जाने का राजनीतिक फैसला तो ले लिया गया है. लेकिन आम लोगों की राय और आपत्तियों को भी इस फैसले में शामिल किया जा सकें, इसके लिए जरूरी प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है. गुरुवार को श्रीनगर को नगर निगम बनाए जाने को लेकर अधिसूचना जारी की गई है. जिसके बाद अब लोगों के पास 7 दिन का वक्त है कि वह अपनी आपत्तियों को पौड़ी जिले के जिला अधिकारी को लिखित रूप में दे सकते हैं. वहीं, नगर निगम बनाए जाने से संबंधित कोई सुझाव भी देना है तो भी लोग जिलाधिकारी को लिखित में अपने सुझाव दे सकते हैं.
श्रीनगर नगर निगम बनाने के लिए न केवल श्रीनगर नगर पालिका परिषद का पूरा क्षेत्र इसमें लिया गया है, बल्कि कुल 21 गांव भी इसमें जोड़े गए हैं. इन गांव में नकोट, दिगोली, धनचड़ा, चंद्रवाड़ी, पुंडोरी, वैध गांव, रतड़ा, स्वीत, चोपड़ा लगा स्वीत, कोटेश्वर गुठ, फरासू, सेम, गहड़, बागवान लगा चोपड़ा, चोपड़ा, ढांमक, पथलगा, डुगरी पथ, डुगरीपथ, कलिया सौड़, हैडी, घोणलगा, उफल्डा शामिल है. इस नगर निगम में साल 2011 की जनगणना के अनुसार कुल 37,911 जनसंख्या है, तो क्षेत्रफल के हिसाब से देखें तो 1257.05 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र इस नगर निगम में होगा.
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वैसे नगर पालिका परिषद श्रीनगर के उच्च करण का फैसला कैबिनेट में पूर्व में लिया गया था और उसके बाद अधिसूचना भी जारी की गई है. कांग्रेस सरकार में भी श्रीनगर को नगर निगम बनाए जाने की चर्चा की गई थी, लेकिन उस दौरान कुछ गांव के लोगों ने इसका विरोध किया था, जिसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. लेकिन अब धन सिंह रावत ने इस मामले पर सरकार से आखिरकार श्रीनगर को नगर निगम बनवाने में कामयाबी हासिल की है.