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Cantonment Board Election का लैंसडाउन में विरोध, 30 अप्रैल को है मतदान

देश भर में 57 कैंट बोर्ड में चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद चुनावी सरगर्मी शुरू हो गई है. उत्तराखंड में भी नौ छावनी परिषदों में 30 अप्रैल को होने वाले चुनाव से माहौल गरमाने लगा है. कैंट बोर्ड लैंसडाउन में 30 अप्रैल को छह सभासद पदों पर होने वाले चुनाव का विरोध किया जा रहा है.

protest against kent board election
लैंसडाउन में कैंट बोर्ड चुनाव का विरोध
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Published : Mar 15, 2023, 1:52 PM IST

Updated : Mar 15, 2023, 5:32 PM IST

कैंटोनमेंट बोर्ड चुनाव का विरोध.

पौड़ी: दो साल के लम्बे इंतजार के बाद 30 अप्रैल को देश भर के 57 छावनी परिषद में चुनाव होने जा रहे हैं. उत्तराखंड के नौ कैंट बोर्ड में चुनावी हलचल शुरू हो गई है. जनपद पौड़ी के लैंसडाउन कैंट बोर्ड में भी रक्षा मंत्रालय के छावनी परिषद में चुनाव की तिथि तय होने पर चुनावी सरगर्मी शुरू हो गई है. कैंट बोर्ड रक्षा मंत्रालय के अधीन होने पर देश के सभी छावनी परिषद में सेना क्षेत्र का हस्तक्षेप होने से लैंसडाउन निवासियों ने कैंट बोर्ड में होने वाले चुनाव का विरोध किया है. कैंट बोर्ड के चुनाव के विरोध में नगरवासियों व व्यापारियों ने सम्पूर्ण लैंसडाउन बाजार बंद रखा.

रक्षा मंत्रालय को सौंपा ज्ञापन: 30 अप्रैल को कैंट बोर्ड के चुनाव का विरोध करते हुए लैंसडाउन ऐतिहासिक गांधी पार्क में रैली निकाल कर उप जिलाधिकारी लैंसडाउन के माध्यम से चुनाव के विरोध में रक्षा मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा. लैंसडाउन निवासी राजेश ध्यानी ने बताया कि कैंट बोर्ड होने से लैंसडाउन का विकास रुका हुआ है. छावनी परिषद में वर्तमान में जो भी कार्य किया जा रहा है, राज्य सरकार के धन से किया जा रहा है. कैंट बोर्ड में रक्षा मंत्रालय द्वारा किसी तरह का धन मुहैया नहीं कराया जा रहा है. सेना छावनी परिषद व कैंट बोर्ड के सख्त नियमों के चलते अंग्रेजों का बसाया लैंसडाउन वीरान पड़ा है. जिस वजह से लैंसडाउन निवासी व्यापारी कैंट बोर्ड चुनाव का विरोध कर रहे हैं.
यह भी पढे़ं: Congress Protest: गैरसैंण बजट सत्र के तीसरे दिन भी कांग्रेस का प्रदर्शन तेज, भर्ती परीक्षाओं में CBI जांच की मांग

इन जगहों पर होंगे चुनाव: उत्तराखंड में नौ छावनी परिषद देहरादून कैंट क्लेमनटाउन लंढौर, चकराता, रुड़की, अल्मोड़ा, रानीखेत, नैनीताल में आगामी 30 अप्रैल को कैंट बोर्ड के चुनाव होने जा रहे है‌. कैंट बोर्ड में सभासद प्रतिनिधि परिषद में जनता द्वारा चुनकर आते हैं, जो कि जनता का प्रतिनिधित्व कर चौमुखी विकास करते हैं. कैंट बोर्ड के सभासदों का कार्यकाल फरवरी 2022 को समाप्त होना था. छावनी परिषद में चुनाव न होने पर बोर्ड सदस्यों का दो बार 6-6 माह के लिए कार्यकाल बढ़ाया गया. रक्षा मंत्रालय ने हाल में ही बोर्ड को 6 के अंतराल में चुनाव या एक्टेंशन दिया था. बीते वर्ष फरवरी में वैरी बोर्ड अस्तित्व में आया 10 फरवरी को एक साल पूरा हो गया है. रक्षा मंत्रालय ने वैरी बोर्ड को तीसरी बार 6 माह का समय दिया जो कि पूर्ण होने पर वैरी बोर्ड ने 30 अप्रैल को चुनाव का ऐलान किया है‌.

कैंटोनमेंट बोर्ड चुनाव का विरोध.

पौड़ी: दो साल के लम्बे इंतजार के बाद 30 अप्रैल को देश भर के 57 छावनी परिषद में चुनाव होने जा रहे हैं. उत्तराखंड के नौ कैंट बोर्ड में चुनावी हलचल शुरू हो गई है. जनपद पौड़ी के लैंसडाउन कैंट बोर्ड में भी रक्षा मंत्रालय के छावनी परिषद में चुनाव की तिथि तय होने पर चुनावी सरगर्मी शुरू हो गई है. कैंट बोर्ड रक्षा मंत्रालय के अधीन होने पर देश के सभी छावनी परिषद में सेना क्षेत्र का हस्तक्षेप होने से लैंसडाउन निवासियों ने कैंट बोर्ड में होने वाले चुनाव का विरोध किया है. कैंट बोर्ड के चुनाव के विरोध में नगरवासियों व व्यापारियों ने सम्पूर्ण लैंसडाउन बाजार बंद रखा.

रक्षा मंत्रालय को सौंपा ज्ञापन: 30 अप्रैल को कैंट बोर्ड के चुनाव का विरोध करते हुए लैंसडाउन ऐतिहासिक गांधी पार्क में रैली निकाल कर उप जिलाधिकारी लैंसडाउन के माध्यम से चुनाव के विरोध में रक्षा मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा. लैंसडाउन निवासी राजेश ध्यानी ने बताया कि कैंट बोर्ड होने से लैंसडाउन का विकास रुका हुआ है. छावनी परिषद में वर्तमान में जो भी कार्य किया जा रहा है, राज्य सरकार के धन से किया जा रहा है. कैंट बोर्ड में रक्षा मंत्रालय द्वारा किसी तरह का धन मुहैया नहीं कराया जा रहा है. सेना छावनी परिषद व कैंट बोर्ड के सख्त नियमों के चलते अंग्रेजों का बसाया लैंसडाउन वीरान पड़ा है. जिस वजह से लैंसडाउन निवासी व्यापारी कैंट बोर्ड चुनाव का विरोध कर रहे हैं.
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इन जगहों पर होंगे चुनाव: उत्तराखंड में नौ छावनी परिषद देहरादून कैंट क्लेमनटाउन लंढौर, चकराता, रुड़की, अल्मोड़ा, रानीखेत, नैनीताल में आगामी 30 अप्रैल को कैंट बोर्ड के चुनाव होने जा रहे है‌. कैंट बोर्ड में सभासद प्रतिनिधि परिषद में जनता द्वारा चुनकर आते हैं, जो कि जनता का प्रतिनिधित्व कर चौमुखी विकास करते हैं. कैंट बोर्ड के सभासदों का कार्यकाल फरवरी 2022 को समाप्त होना था. छावनी परिषद में चुनाव न होने पर बोर्ड सदस्यों का दो बार 6-6 माह के लिए कार्यकाल बढ़ाया गया. रक्षा मंत्रालय ने हाल में ही बोर्ड को 6 के अंतराल में चुनाव या एक्टेंशन दिया था. बीते वर्ष फरवरी में वैरी बोर्ड अस्तित्व में आया 10 फरवरी को एक साल पूरा हो गया है. रक्षा मंत्रालय ने वैरी बोर्ड को तीसरी बार 6 माह का समय दिया जो कि पूर्ण होने पर वैरी बोर्ड ने 30 अप्रैल को चुनाव का ऐलान किया है‌.

Last Updated : Mar 15, 2023, 5:32 PM IST
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