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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के प्रभावितों को पुलिस ने जबरन उठाया, मांग रहे थे रोजगार - श्रीनगर हिंदी समाचार

नैथाणा-रानीहाट के ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन से प्रभावित प्रदर्शनकारी ग्रामीणों को पुलिस ने धरनास्थल से जबरन उठा दिया. पुलिस अब इन ग्रामीणों को SDM की कोर्ट में पेश करने जा रही है.

Srinagar
रेलवे प्रभावितों को जबरन उठा ले गई पुलिस
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Published : Aug 25, 2021, 3:45 PM IST

Updated : Aug 25, 2021, 8:44 PM IST

श्रीनगर: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन से प्रभावित नैथाणा-रानीहाट के ग्रामीण धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. बुधवार को पुलिस ने धरना स्थल पहुंच कर प्रदर्शनकारियों को जबरन उठा दिया. वहीं, पुलिस अब ग्रामीणों को उपजिलाधिकारी की कोर्ट में प्रस्तुत करने जा रही है.

दरअसल, नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर उन्हें 24 अगस्त तक रोजगार नहीं दिया गया तो वो एक बार फिर रेलवे का कार्य से रोक देंगे. ऐसे में प्रशासन की तरफ से प्रोजेक्ट साइट पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

नाराज ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सिंचित भूमि का अधिग्रहण रेलवे द्वारा किया गया था और आश्वासन दिया गया था कि उन्हें रेलवे में रोजगार दिया जाएगा. लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी उन्हें आज तक रोजगार नहीं मिला.

रेलवे प्रभावितों को जबरन उठा ले गई पुलिस

ये भी पढ़ें: मसूरी में मलबा आने से होटल का पुश्ता गिरा, 3 दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त

जानकारी के मुताबिक पूर्व गढ़वाल अपर आयुक्त हरक सिंह रावत ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि 24 अगस्त तक सभी ग्रामीणों को अस्थाई रोजगार दिया जाएगा, जिसके बाद ग्रामीणों ने रेलवे लाइन के कार्यों को फिर से बहाल कर दिया था. वहीं, ग्राम प्रधान आसा देवी ने कहा कि वे एक बार फिर रेलवे के कार्यों को होने नहीं देंगी. इसके लिए अगर उन्हें जेल भी जाना पड़े तो वो जाने को तैयार हैं.

श्रीनगर: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन से प्रभावित नैथाणा-रानीहाट के ग्रामीण धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. बुधवार को पुलिस ने धरना स्थल पहुंच कर प्रदर्शनकारियों को जबरन उठा दिया. वहीं, पुलिस अब ग्रामीणों को उपजिलाधिकारी की कोर्ट में प्रस्तुत करने जा रही है.

दरअसल, नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर उन्हें 24 अगस्त तक रोजगार नहीं दिया गया तो वो एक बार फिर रेलवे का कार्य से रोक देंगे. ऐसे में प्रशासन की तरफ से प्रोजेक्ट साइट पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

नाराज ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सिंचित भूमि का अधिग्रहण रेलवे द्वारा किया गया था और आश्वासन दिया गया था कि उन्हें रेलवे में रोजगार दिया जाएगा. लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी उन्हें आज तक रोजगार नहीं मिला.

रेलवे प्रभावितों को जबरन उठा ले गई पुलिस

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जानकारी के मुताबिक पूर्व गढ़वाल अपर आयुक्त हरक सिंह रावत ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि 24 अगस्त तक सभी ग्रामीणों को अस्थाई रोजगार दिया जाएगा, जिसके बाद ग्रामीणों ने रेलवे लाइन के कार्यों को फिर से बहाल कर दिया था. वहीं, ग्राम प्रधान आसा देवी ने कहा कि वे एक बार फिर रेलवे के कार्यों को होने नहीं देंगी. इसके लिए अगर उन्हें जेल भी जाना पड़े तो वो जाने को तैयार हैं.

Last Updated : Aug 25, 2021, 8:44 PM IST
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