श्रीनगर: नगर पंचायत सतपुली के हनुमान मंदिर प्रांगण में सिंगटाली मोटर पुल संघर्ष समिति, व्यापार मंडल सतपुली और क्षेत्र वासी सिंगटाली पुल निर्माण को लेकर मुखर हैं. लोगों ने मांगों को लेकर तहसीलदार सुधा डोभाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. लोगों को कहना है कि 15 सालों से पुल ना बनने से लोगों में खासा आक्रोश है. लोगों का कहना है कि उन्हें रोजाना अतिरिक्त दूरी नापनी पड़ती है.
सिंगटाली मोटर पुल संघर्ष समिति के अध्यक्ष उदय सिंह नेगी ने कहा कि उनकी मांगों पर कोई अमल नहीं हो रहा है. इस कारण उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. साथ ही उन्होंने पुल न बनाये जाने को लेकर सरकारों को घेरा और कहा कि मोटर पुल निर्माण न होने तक संघर्ष जारी रहेगा. लोगों ने मांग पूरी ना होने पर चारधाम यात्रा मार्ग में चक्का जाम करने की चेतावनी दी है. इस दौरान सिंगटाली मोटर पुल निर्माण को लेकर धरना प्रदर्शन करने वाले लोगों द्वारा प्रभारी तहसीलदार सुधा डोभाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया.
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संघर्ष समिति अध्यक्ष उदय सिंह नेगी ने कहा कि इस पुल के निर्माण के लिए प्रदेश के दो तत्कालीन मुख्यमंत्री घोषणा कर चुके हैं. तब भी इस पुल का निर्माण कार्य नहीं हो सका है. स्थानीय लोग पुल निर्माण की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. जिसको देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी, पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत भी पहल कर चुके हैं. लेकिन आज तक उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला, जिससे वो धरना देने के लिए मजबूर हैं. व्यापार मण्डल अध्यक्ष जयदीप नेगी का कहना है कि लोगों को अपने वयापार के लिए 25 से 30 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ता है. अगर ये पुल बन जाता है तो कुमाऊं और गढ़वाल भी इस पुल से जुड़ सकेंगे. वहीं तहसीलदार सुधा डोभाल ने कहा कि ग्रामीणों की मांग को उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिया जाएगा. कोशिश की जाएगी कि स्थानीय लोगों की मांग को जल्द पूरा कर लिया जाए.
जनपद टिहरी गढ़वाल के कौड़ियाला और जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर प्रखंड को जोड़ने वाले इस पुल के निर्माण का शासनादेश तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की सरकार में हुआ था. 30 अगस्त 2006 को कौड़ियाला व्यास घाट मोटर मार्ग और सिंगटाली मोटर पुल निर्माण के लिए 1579.80 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई थी. उसके बाद वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने इस योजना का भूमि पूजन किया था. इसके बाद पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत भी इसको बनाने की पहल कर चुके हैं. लेकिन 15 साल बीत जाने के बाद भी आज तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है. पुल नहीं बनने से सीधे तौर पर करीब 60 हजार लोग प्रभावित हो रहे हैं. लोगों को इसके चलते कोटद्वार ओर देवप्रयाग से होकर गुजरना पड़ता है. पुल बन जाये तो लोग सीधे ऋषिकेश बाजार और रामनगर बाजार से जुड़ जाएंगे.