श्रीनगर: जनपद में 7 अक्टूबर से शुरू होने जा रही ऐतिहासिक रामलीला मंचन की तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं. स्थानीय कलाकार इन दिनों रामलीला हॉल में उन्हें रामलीला मंचन के लिये मिले किरदार की भूमिका को निभाकर जमकर अपनी रिहर्सल को पूरा कर रहे हैं, जिससे ऐतिहाहिसक रामलीला का मंचन में कोई कोर कसर न रह जाये.
दरअसल, पौड़ी की ऐतिहासिहक रामलीला अबतक अपने 120 साल का सफर तय कर चुकी है. हर बार रामलीला दर्शको में अपनी एक गहरी छाप छोड़ती है, जिसके कायल होते दर्शक हर साल रामलीला मंचन को देखने रामलीला मैदान में पहुंचते हैं. कोरोना के कारण पिछले साल रामलीला का आयोजन नहीं हो पाया था. रामलीला कमेटी को सिर्फ पूजा आरती तक ही रामलीला को सीमित रहना पड़ा था लेकिन इस साल रामलीला कमेटी ने सूक्षम रूप में रामलीला का आयोजन करने का फैसला लिया है.
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घटाई गई पात्रों की संख्या: इस साल कई पात्रों की संख्या को कोरोना गाइडलाइन के चलते घटाया गया है, जिससे ज्यादा भीड़ न हो. सिर्फ 60 पात्र ही अपनी भूमिका इस साल की रामलीला में पेश करेंगे, जबकि रामलीला मंजन का समय भी इस साल घटाया गया है. इस साल रामलीला का मंचन महज 2 घंटे ही किया जाएगा, रामलीला का मंचन शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक ही किया जाएगा.