श्रीनगर: पौड़ी के जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी के संविदा कर्मचारी के कार्य बहिष्कार के कारण इंजीनियरिंग कॉलेज में अव्यवस्थाएं फैली हुई हैं. संविदा कर्मचारी, ठेकेदारी प्रथा के तहत आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से रखे जाने के निर्णय का विरोध कर रहे हैं. बुधवार को इसी संबंध में पंत इंजीनियरिंग कॉलेज के संविदा कर्मियों ने कॉलेज प्रशासन के साथ जिलाधिकारी से बातचीत की. लेकिन वार्ता विफल रही और कर्मी अपनी मांग पर अड़े रहे.
संविदा कर्मचारियों का कहना है कि आउटसोर्स एजेंसी के जरिए उनका कम वेतनमान दिया जाएगा. इस कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. साल 2020 से मार्च 2022 तक उनको पीआरडी के माध्यम से 570 रुपए प्रतिदिन के मानक पर मानदेय दिया गया. इसके बाद संस्थान ने अप्रैल 2022 से उनका पीआरडी में विस्तारीकरण नहीं कराया. इस दौरान उन्हें 570 की दर से ही मानदेय भुगतान हुआ है.
कर्मचारी सुनील सिंह ने कहा कि आज की बातचीत में भी कोई निर्णय नहीं निकला है. अब तक संविदा कर्मियों को 570 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वेतन दिया जाता था, लेकिन अब ठेकेदारी प्रथा के चलते हमें 50 प्रतिशत वेतन ही दिया जाएगा. जिससे 250 से अधिक कर्मियों के दैनिक जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जब तक उनके पद शासन स्तर से सृजित नहीं होते हैं, तब तक उन्हें 570 रुपये के हिसाब से वेतन दिया जाए.
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जिलाधिकारी आशीष चौहान ने कहा कि कॉलेज प्रशासन और कर्मियों की समस्या को सुना गया है. कर्मियों की समस्या के संबंध में शासन को अवगत कराया गया है, जल्द ही कर्मियों की समस्या का हल निकाला जाएगा. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि संस्थान ने गुपचुप तरीके से टेंडर प्रक्रिया लागू की और एक सितंबर से सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को एक एजेंसी के सुपुर्द कर दिया है.
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