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पहाड़ को एक और सौगातः टिहरी के हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में अब चलेगी बीटेक की क्लासेस

टिहरी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण टिहरी बांध परियोजना के द्वारा सीएसआर मद से किया गया था. लेकिन इसमें अब तक हाइड्रो से सम्बंधित कोई भी फैकल्टी नहीं थी. लेकिन अब इसकी शुरुआत होने जा रही है. जिसमें छात्रों को पढ़ाने के लिए हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भागीरथीपुरम का डेनमार्क की यूनिवर्सिटी से अनुबंध हो चुका है. अब यहां के छात्र भी हाइड्रो क्षेत्र में उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं.

टिहरी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में हाइड्रो एनर्जी बी टेक डिग्री होगी शुरू.
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Published : Mar 26, 2019, 10:14 PM IST

टिहरी: नगर के भागीरथीपुरम स्थित उत्तर भारत का एक मात्र हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में अब बी टेक की पढ़ाई होगी. आगामी 1 अगस्त से हाइड्रो पावर, विल एनर्जी और सोलर एनर्जी जैसे विषयों की फैकल्टी में बी टेक डिग्री शुरू होने जा रही है. जिसके लिए हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का डेनमार्क की यूनिवर्सिटी से अनुबंध हुआ है. इसमें डिग्री कोर्स करने के बाद छात्रों को विद्युत पवार प्रोजेक्ट, जल विद्युत प्रोजेक्ट जैसे क्षेत्रों में अपना उज्ज्वल भविष्य बनाने का मौका मिलेगा. यह कोर्स उत्तर भारत के किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में नहीं है. इस तरह के डिग्री कोर्स खुलना छात्रों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है.

जानकारी देते हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक जीएस तोमर.


आपको बता दें कि हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की शुरुआत के बाद से यहां पर पांच फैकल्टी है, जिसमें इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर साइंस, सिविल और मैकेनिकल में बी टेक की क्लासेस चल रही है. तब से अबतक यह कॉलेज सिर्फ नाम मात्र का हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज था. लेकिन अब 1 अगस्त से कॉलेज में हाइड्रो पावर, विल एनर्जी, सोलर एनर्जी की फैकल्टी में बी टेक डिग्री की पढ़ाई शुरू होने जा रही है, इसके लिए प्रवेश प्रकिया शुरू हो चुकी है. जिसमें 60 बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा.


हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक जी एस तोमर ने ई टीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि इस हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण टिहरी बांध परियोजना के द्वारा सीएसआर मद से किया गया था. लेकिन इसमें अब तक हाइड्रो से सम्बंधित कोई भी फैकल्टी नहीं थी. लेकिन अब इसकी शुरुआत होने जा रही है. जिसमें छात्रों को पढ़ाने के लिए हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भागीरथीपुरम का डेनमार्क की यूनिवर्सिटी से अनुबंध हो चुका है. अब यहां के छात्र भी हाइड्रो क्षेत्र में उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं.

टिहरी: नगर के भागीरथीपुरम स्थित उत्तर भारत का एक मात्र हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में अब बी टेक की पढ़ाई होगी. आगामी 1 अगस्त से हाइड्रो पावर, विल एनर्जी और सोलर एनर्जी जैसे विषयों की फैकल्टी में बी टेक डिग्री शुरू होने जा रही है. जिसके लिए हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का डेनमार्क की यूनिवर्सिटी से अनुबंध हुआ है. इसमें डिग्री कोर्स करने के बाद छात्रों को विद्युत पवार प्रोजेक्ट, जल विद्युत प्रोजेक्ट जैसे क्षेत्रों में अपना उज्ज्वल भविष्य बनाने का मौका मिलेगा. यह कोर्स उत्तर भारत के किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में नहीं है. इस तरह के डिग्री कोर्स खुलना छात्रों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है.

जानकारी देते हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक जीएस तोमर.


आपको बता दें कि हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की शुरुआत के बाद से यहां पर पांच फैकल्टी है, जिसमें इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर साइंस, सिविल और मैकेनिकल में बी टेक की क्लासेस चल रही है. तब से अबतक यह कॉलेज सिर्फ नाम मात्र का हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज था. लेकिन अब 1 अगस्त से कॉलेज में हाइड्रो पावर, विल एनर्जी, सोलर एनर्जी की फैकल्टी में बी टेक डिग्री की पढ़ाई शुरू होने जा रही है, इसके लिए प्रवेश प्रकिया शुरू हो चुकी है. जिसमें 60 बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा.


हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक जी एस तोमर ने ई टीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि इस हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण टिहरी बांध परियोजना के द्वारा सीएसआर मद से किया गया था. लेकिन इसमें अब तक हाइड्रो से सम्बंधित कोई भी फैकल्टी नहीं थी. लेकिन अब इसकी शुरुआत होने जा रही है. जिसमें छात्रों को पढ़ाने के लिए हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भागीरथीपुरम का डेनमार्क की यूनिवर्सिटी से अनुबंध हो चुका है. अब यहां के छात्र भी हाइड्रो क्षेत्र में उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं.

Intro:टिहरी जिले के भागीरथी पुरम में उत्तर भारत का सबसे पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में अगस्त महीने से होने जा रही है हाइड्रो पवार ओर विल इनर्जी व सोलर एनर्जी की फेकल्टी की शुरुआत,

यह पर इस तरह के डिग्री कोर्स खुलने से यह के लोगो के लिए बड़ी खुश की सौगात है यह कोर्स उत्तर भारत के किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में नही है


Body:हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज शुरुआत 2011 में हुई थी इउस समय से यहा पर पांच फैकल्टी जिसमें इलेक्ट्रिकल इलेक्ट्रॉनिक्स कंप्यूटर साइंस सिविल और मैकेनिकल में बी टेक की पढ़ाई कर रहे थे
2011 से अब तक लेकर अब तक यहां पर हाइड्रो पावर से
संबंधित कोई भी फैकल्टी नहीं खोली गई यह कॉलेज सिर्फ नाम मात्र का हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज था

लेकिन अब 1 अगस्त से हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में हाइड्रो पावर ,विल एनर्जी ,सोलर एनर्जी की फैकल्टी में बी टेक डिग्री की पढ़ाई शुरू होने जा रही है इसके लिए प्रवेश प्रकिया शुरू हो चुकी है जिसने 60 बच्चो को प्रवेश दिया जाएगा

हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में हाइड्रो पावर में डिग्री कोर्स करने के बाद पास आउट बच्चे छोटे छोटे बिधुत पवार प्रोजेक्ट ,जल बिधुत प्रोजेक्ट आदि में अपना भविष्य उज्ज्वल कर सकते है




Conclusion:हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक जी एस तोमर ने etv tv भारत से बातचीत में यह बात कही और कह की हमने हाइड्रो पावर में बच्चो को पढाने के लिए हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भागीरथी पुरम का डेनमार्क की यूनिवर्सिटी से अनुबंध हो चुका है अब यह के बच्चे हाइड्रो में उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकते है,

इस हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण टिहरी बांध परियोजना के द्वारा सी एस आर मद से किया गया लेकिन इसमें अब तक हाइड्रो से सम्बंधित कोई भी फेकल्टी नही चलाई गई,

1 टू 1 हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक जी एस तोमर के साथ

सर यह खबर एक्ससीलुसिव है किसी के पास नही है इसे चलवा देना आप

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