टिहरी: नगर के भागीरथीपुरम स्थित उत्तर भारत का एक मात्र हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में अब बी टेक की पढ़ाई होगी. आगामी 1 अगस्त से हाइड्रो पावर, विल एनर्जी और सोलर एनर्जी जैसे विषयों की फैकल्टी में बी टेक डिग्री शुरू होने जा रही है. जिसके लिए हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का डेनमार्क की यूनिवर्सिटी से अनुबंध हुआ है. इसमें डिग्री कोर्स करने के बाद छात्रों को विद्युत पवार प्रोजेक्ट, जल विद्युत प्रोजेक्ट जैसे क्षेत्रों में अपना उज्ज्वल भविष्य बनाने का मौका मिलेगा. यह कोर्स उत्तर भारत के किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में नहीं है. इस तरह के डिग्री कोर्स खुलना छात्रों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है.
आपको बता दें कि हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की शुरुआत के बाद से यहां पर पांच फैकल्टी है, जिसमें इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर साइंस, सिविल और मैकेनिकल में बी टेक की क्लासेस चल रही है. तब से अबतक यह कॉलेज सिर्फ नाम मात्र का हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज था. लेकिन अब 1 अगस्त से कॉलेज में हाइड्रो पावर, विल एनर्जी, सोलर एनर्जी की फैकल्टी में बी टेक डिग्री की पढ़ाई शुरू होने जा रही है, इसके लिए प्रवेश प्रकिया शुरू हो चुकी है. जिसमें 60 बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा.
हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक जी एस तोमर ने ई टीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि इस हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण टिहरी बांध परियोजना के द्वारा सीएसआर मद से किया गया था. लेकिन इसमें अब तक हाइड्रो से सम्बंधित कोई भी फैकल्टी नहीं थी. लेकिन अब इसकी शुरुआत होने जा रही है. जिसमें छात्रों को पढ़ाने के लिए हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भागीरथीपुरम का डेनमार्क की यूनिवर्सिटी से अनुबंध हो चुका है. अब यहां के छात्र भी हाइड्रो क्षेत्र में उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं.