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कोटद्वारः हिस्ट्रीशीटर मेहरबान की संदिग्ध परिस्थिति में मौत, 17 साल बाद जेल से छूटा था

कोटद्वार में हिस्ट्रीशीटर मेहरबान सिंह रावत की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. मेहरबान सिंह रावत 3 महीने पहले ही जेल से 17 साल की सजा काटकर घर लौटा था. मेहरबान के भाई ने उनकी पत्नी, बेटे और ड्राइवर पर हत्या करने का आरोप लगाया है.

Meherban Singh Rawat
मेहरबान सिंह रावत
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Published : Jul 4, 2022, 4:39 PM IST

कोटद्वारः पौड़ी के कोटद्वार में एक 62 वर्षीय व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. बुजुर्ग का शव उसके कमरे में पड़ा था. बुजुर्ग 3 महीने पहले ही जेल से 17 साल की सजा पूरी कर लौटा था. बुजुर्ग के भाई ने उनकी पत्नी, बेटे और ड्राइवर पर हत्या करने का आरोप लगाया है. घटना के बाद से ड्राइवर फरार बताया जा रहा है.

कोटद्वार निम्बूचौड़ निवासी मेहरबान सिंह रावत उर्फ मेहरू उम्र 62 वर्ष की घर पर रात 1.30 बजे संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. मेहरबान सिंह 3 महीने पहले ही जेल से 17 साल की सजा काटकर बाहर आया था. मेहरबान सिंह को कोर्ट में गवाह की हत्या करने के आरोप में 20 साल की सजा हुई थी. लेकिन अच्छे आचरण के चलते उसे 3 साल पहले ही रिहा कर दिया गया था. मेहरबान सिंह रावत का नाम हिस्ट्रीशीटर के रूप में भी लिया जाता है.
ये भी पढ़ेंः देहरादून में टोंस नदी के किनारे मिला युवक का शव, दाएं हाथ में बंधा है काला कलावा

मेहरबान सिंह के भाई प्रमोद रावत ने उसके परिवार पर ही हत्या करने की आशंका जताई है. प्रमोद रावत ने मेहरबान की पत्नी, बेटे और ड्राइवर पर हत्या करने का शक जताया है. उन्होंने बताया जब उन्होंने शव को देखा तो शव के मुंह और नाक पर सफेद पाउडर लगा हुआ था. साथ ही पत्नी और बेटा पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर रहे थे. उन्होंने बताया कि घटना के बाद से ड्राइवर निवासी कोटद्वार फरार है.

कोटद्वारः पौड़ी के कोटद्वार में एक 62 वर्षीय व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. बुजुर्ग का शव उसके कमरे में पड़ा था. बुजुर्ग 3 महीने पहले ही जेल से 17 साल की सजा पूरी कर लौटा था. बुजुर्ग के भाई ने उनकी पत्नी, बेटे और ड्राइवर पर हत्या करने का आरोप लगाया है. घटना के बाद से ड्राइवर फरार बताया जा रहा है.

कोटद्वार निम्बूचौड़ निवासी मेहरबान सिंह रावत उर्फ मेहरू उम्र 62 वर्ष की घर पर रात 1.30 बजे संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. मेहरबान सिंह 3 महीने पहले ही जेल से 17 साल की सजा काटकर बाहर आया था. मेहरबान सिंह को कोर्ट में गवाह की हत्या करने के आरोप में 20 साल की सजा हुई थी. लेकिन अच्छे आचरण के चलते उसे 3 साल पहले ही रिहा कर दिया गया था. मेहरबान सिंह रावत का नाम हिस्ट्रीशीटर के रूप में भी लिया जाता है.
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मेहरबान सिंह के भाई प्रमोद रावत ने उसके परिवार पर ही हत्या करने की आशंका जताई है. प्रमोद रावत ने मेहरबान की पत्नी, बेटे और ड्राइवर पर हत्या करने का शक जताया है. उन्होंने बताया जब उन्होंने शव को देखा तो शव के मुंह और नाक पर सफेद पाउडर लगा हुआ था. साथ ही पत्नी और बेटा पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर रहे थे. उन्होंने बताया कि घटना के बाद से ड्राइवर निवासी कोटद्वार फरार है.

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