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कोटद्वार डिपो कार्यशाला बनने के आसार, शासन ने डीएम को भूमि जांच के दिए निर्देश

कोटद्वार रोडवेड डिपो कार्यशाला को लेकर शासन ने डीएम को आवंटित भूमि की जांच करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि, वर्ष 2010 कोटद्वार डिपो की कार्यशाला बनाने के लिए खूनीबड़ में 0.265 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई थी, लेकिन 10 साल बीत जाने के बाद विगत दिनों में कार्यशाला की भूमि को नदी श्रेणी की भूमि बताकर परिवहन सचिव ने निरस्त कर दिया था.

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कोटद्वार डिपो कार्यशाला बनने के आसार
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Published : Jan 27, 2021, 5:11 PM IST

कोटद्वार: उत्तराखंड परिवहन निगम की कोटद्वार डिपो कार्यशाला बनने के आसार एक बार फिर से नजर आ रहे हैं. शासन ने पौड़ी जिलाधिकारी से कोटद्वार डिपो कार्यशाला के लिए आवंटित भूमि की जांच के लिए पत्र भेजा है. वहीं, डीएम ने उपजिलाधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि, वर्ष 2010 कोटद्वार डिपो की कार्यशाला बनाने के लिए खूनीबड में 0.265 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई थी, लेकिन 10 साल बीत जाने के बाद विगत दिनों में कार्यशाला की भूमि को नदी श्रेणी की भूमि बताकर परिवहन सचिव ने निरस्त कर दिया था, लेकिन अब शासन ने जिलाधिकारी पौड़ी को शासन ने भूमि की दोबारा से जांच करने के निर्देश दिए हैं. जिस पर उपजिलाधिकारी ने कोटद्वार तहसीलदार और सिंचाई विभाग को शासन के पत्र के आधार पर जांच के निर्देश दे दिए हैं. जल्दी ही खूनीबड़ में स्थित भूमि की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

ये भी पढ़ें: काशीपुर में दो रंगबाज गिरफ्तार, अवैध तमंचा और कारतूस बरामद

उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि जिलाधिकारी के माध्यम से शासन का एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें कोटद्वार डिपो की कार्यशाला के लिए खूनीबड़ में स्थित भूमि की दोबारा से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. पत्र में जानकारी मांगी गई है कि बरसात में नदी में कितना पानी बहता है और भूमि नदी से कितनी दूर है. आवंटित जमीन से कृषि भूमि और आवासी कॉलोनी कितनी दूर है. जांच के लिए सिंचाई विभाग और तहसीलदार को निर्देशित किया गया है.

कोटद्वार: उत्तराखंड परिवहन निगम की कोटद्वार डिपो कार्यशाला बनने के आसार एक बार फिर से नजर आ रहे हैं. शासन ने पौड़ी जिलाधिकारी से कोटद्वार डिपो कार्यशाला के लिए आवंटित भूमि की जांच के लिए पत्र भेजा है. वहीं, डीएम ने उपजिलाधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि, वर्ष 2010 कोटद्वार डिपो की कार्यशाला बनाने के लिए खूनीबड में 0.265 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई थी, लेकिन 10 साल बीत जाने के बाद विगत दिनों में कार्यशाला की भूमि को नदी श्रेणी की भूमि बताकर परिवहन सचिव ने निरस्त कर दिया था, लेकिन अब शासन ने जिलाधिकारी पौड़ी को शासन ने भूमि की दोबारा से जांच करने के निर्देश दिए हैं. जिस पर उपजिलाधिकारी ने कोटद्वार तहसीलदार और सिंचाई विभाग को शासन के पत्र के आधार पर जांच के निर्देश दे दिए हैं. जल्दी ही खूनीबड़ में स्थित भूमि की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

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उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि जिलाधिकारी के माध्यम से शासन का एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें कोटद्वार डिपो की कार्यशाला के लिए खूनीबड़ में स्थित भूमि की दोबारा से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. पत्र में जानकारी मांगी गई है कि बरसात में नदी में कितना पानी बहता है और भूमि नदी से कितनी दूर है. आवंटित जमीन से कृषि भूमि और आवासी कॉलोनी कितनी दूर है. जांच के लिए सिंचाई विभाग और तहसीलदार को निर्देशित किया गया है.

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