पौड़ीः कंडोलिया स्थित वन विभाग के सभागार में आज मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल मंडल ने पहली मंडलीय समीक्षा बैठक ली. बैठक में सभी डीएफओ को वनाग्नि सुरक्षा, मानव व वन्यजीव संघर्ष कम करने के निर्देश दिए गए. साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की घोषणा के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए जल्द समाधान करने के निर्देश जारी किए गए. पीसीसीएफ गढ़वाल ने कहा कि विभाग पूरे गढ़वाल मंडल में कई अभिनव प्रयास कर रहा है. वनाग्नि सुरक्षा को लेकर पांच वर्षीय कार्ययोजना तैयार की जा रही है.
मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत कुमार पटनायक ने कहा कि गढ़वाल मंडल में विभाग की ओर से अनेक सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं. जिसके तहत शिवालिक बायो डायवर्सिटी पार्क, नगर वन आदि योजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है. मानव व वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. वहीं वनाग्नि सुरक्षा के मानकों में आ रही कमियों को दूर करने के लिए ठोस रणनीति तैयार की जा रही है.
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वनाग्नि के मामलों में फायर सीजन से पहले लग रही जंगलों की आग पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि बीते वर्ष कोरोना के चलते जंगलों में आग लगने की घटनाएं कम हुई थी. लेकिन फायर सीजन से पहले फिर से जंगलों में आग लगने लगी है, जो कि वन संपदा के साथ-साथ पर्यावरण को प्रदूषित कर रही है. वहीं, वन विभाग के कर्मी जो जंगलों में आग को बुझाने में मदद करते हैं. उनके लिए भी सभी उपकरण खरीदे जाएंगे. ताकि उन्हें भी कोई नुकसान ना हो, जिसके लिये समस्त रेंज अधिकारियों को वनाग्नि सुरक्षा उपकरणों की कमी की सूची आगामी 10 फरवरी तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.