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एचएनबी के पौड़ी परिसर में विधि संकाय की नहीं है मान्यता, खतरे में छात्रों का भविष्य - bar council of india

पौड़ी के हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर में विधि संकाय की कक्षाएं बार कांउसिल ऑफ इंडिया से संबंद्ध नहीं हैं. जिस कारण यहां पढ़ रहे विधि संकाय के छात्रों का भविष्य खतरे में है.

एचएनबी में विधि संकाय की कक्षाओं को नहीं है मान्यता.
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Published : Oct 23, 2019, 9:56 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 10:48 PM IST

पौड़ी: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर में संचालित विधि संकाय के छात्रों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है. पौड़ी परिसर में पढ़ने वाले पूर्व छात्रों ने दिल्ली हाईकोर्ट में विश्वविद्यालय के खिलाफ एक रिट दायर की है. जिसमें कहा गया है कि विधि संकाय की कक्षाएं बार कांउसिल ऑफ इंडिया से संबंद्ध नहीं हैं. वहीं, अब यहां पढ़ने वाले छात्रों ने विश्वविद्यालय से इस मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की है.

एचएनबी में विधि संकाय की कक्षाओं को नहीं है मान्यता.

शिकायतकर्ता युगांत परिहार एचएनबी के पौड़ी परिसर से साल 2018 में एलएलबी कर चुके हैं. युगांत का कहना है कि जब उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में रजिस्ट्रेशन के लिए फॉर्म भरा तो हाईकोर्ट ने पौड़ी परिसर का बार काउंसिल ऑफ इंडिया से संबंद्ध नहीं होना बताया.

पढ़ें: उत्तराखंड की सड़कों से हटेंगे 10 साल पुराने कमर्शियल वाहन, 4 नवंबर को होगा फैसला

बता दें कि विधि संकाय चलाने के लिए विश्वविद्यालय को हर साल बार काउंसिल ऑफ इंडिया को शुल्क जमा करना होता है. शुल्क जमा करवाने के बाद ही कक्षाओं के संचालन की अनुमति दी जाती है.

एचएनबी के पौड़ी परिसर के छात्रों ने कहा कि साल 2010 के बाद 2017 में शुल्क जमा किया गया. लेकिन विलंब शुल्क जमा नहीं करने की वजह से एलएलबी की कक्षाओं के संचालन की अनुमति नहीं दी गई है. साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय को इस मामले का संज्ञान लेकर जल्द कार्रवाई करनी चाहिए.

वहीं, मामले में पौड़ी के परिसर निदेशक ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से देरी हुई है. लेकिन अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया में फीस जमा कर दी गई है.

पौड़ी: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर में संचालित विधि संकाय के छात्रों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है. पौड़ी परिसर में पढ़ने वाले पूर्व छात्रों ने दिल्ली हाईकोर्ट में विश्वविद्यालय के खिलाफ एक रिट दायर की है. जिसमें कहा गया है कि विधि संकाय की कक्षाएं बार कांउसिल ऑफ इंडिया से संबंद्ध नहीं हैं. वहीं, अब यहां पढ़ने वाले छात्रों ने विश्वविद्यालय से इस मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की है.

एचएनबी में विधि संकाय की कक्षाओं को नहीं है मान्यता.

शिकायतकर्ता युगांत परिहार एचएनबी के पौड़ी परिसर से साल 2018 में एलएलबी कर चुके हैं. युगांत का कहना है कि जब उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में रजिस्ट्रेशन के लिए फॉर्म भरा तो हाईकोर्ट ने पौड़ी परिसर का बार काउंसिल ऑफ इंडिया से संबंद्ध नहीं होना बताया.

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बता दें कि विधि संकाय चलाने के लिए विश्वविद्यालय को हर साल बार काउंसिल ऑफ इंडिया को शुल्क जमा करना होता है. शुल्क जमा करवाने के बाद ही कक्षाओं के संचालन की अनुमति दी जाती है.

एचएनबी के पौड़ी परिसर के छात्रों ने कहा कि साल 2010 के बाद 2017 में शुल्क जमा किया गया. लेकिन विलंब शुल्क जमा नहीं करने की वजह से एलएलबी की कक्षाओं के संचालन की अनुमति नहीं दी गई है. साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय को इस मामले का संज्ञान लेकर जल्द कार्रवाई करनी चाहिए.

वहीं, मामले में पौड़ी के परिसर निदेशक ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से देरी हुई है. लेकिन अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया में फीस जमा कर दी गई है.

Intro:हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर में संचालित विधि संकाय के छात्रों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है दरअसल  परिसर के पूर्व छात्र की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में विश्वविद्यालय के विपक्ष में एक रिट दायर की गई है जिसमें बताया गया कि  विधि संकाय की कक्षाओं  का बार कांउसिल ऑफ इंडिया से संबंद्ध नहीं है। मामले की जानकारी प्रकाश में तब आया जब पूर्व छात्र ने हाईकोर्ट में रजिस्टे्रशन करवाने के लिए आवेदन किया। जिसके बाद यहाँ पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि ऐसी स्थिति में उनका भविष्य खतरे में नजर आ रहा है और विश्वविद्यालय को इस मामले में जल्द संज्ञान लेकर आगे की कार्यवाही करनी चाहिए।


Body:शिकायतकर्ता युगांत परिहार ने पौड़ी परिसर से  साल 2018 में एलएलबी कर चुके छात्र युगांत ने बताया कि  जब उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म भरा तो हाईकोर्ट ने पौड़ी परिसर को बार  काउंसिल ऑफ इंडिया से संबद्ध नहीं होना बताया। दरअसल विधि संकाय चलाने के लिए हर साल बार काउंसिल आफ इंडिया को शुल्क जमा करवाना होता है। शुल्क जमा करवाने के बाद ही कक्षाओं के संचालन की अनुमति दी जाती है। लेकिन छात्र ने आरोप लगाया कि परिसर ने साल 2010 के बाद 2017 में शुल्क जमा किया लेकिन विलंब शुल्क जमा नहीं करने से एलएलबी की कक्षाओं के संचालन की अनुमति नहीं दी गई है।


Conclusion:वहीं इस मामले के सामने आने के बाद परिसर के एलएलएम प्रथमवर्ष के छात्र मोहित सिंह का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के साथ ही उनका भविष्य अंधेरे में नजर आ रहा है। काकी विश्वविद्यालय को इस मामले में जल्द से जल्द संज्ञान लेना चाहिए और जिस भी व्यक्ति की ओर से यह गलती हुई है उसे खिलाफ भी कार्यवाही की जानी चाहिए। मामले में पौड़ी के परिसर निदेशक ने फोन पर जानकरी देते हुए बताया कि पौड़ी परिसर में चल रही विधि संकाय की कक्षाओं को बार कांउसिल आफ इंडिया से संबंद्ध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से देरी हुई है लेकिन अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया में फीस जमा कर दी गई है। जल्द ही मामले का हल निकलकर आएगा
बाईट-मोहित सिंह(छात्र)
Last Updated : Oct 23, 2019, 10:48 PM IST
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