श्रीनगर: बहुचर्चित अंकिता भंडारी की हत्याकांड को लेकर तथ्यान्वेषण (फैक्ट फाइंडिंग) के कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है. रिपोर्ट का हवाला देते हुए कमेटी के सदस्यों ने कहा कि रिपोर्ट में जन संगठनों के आंदोलनों, मीडिया रिपोर्ट, स्थानीय पुलिस द्वारा बरती जा रही ढील को देखते हुए जांच सीबीआई को सौंपे जाने के लिये उच्च न्यायालय में दायर याचिका और उसकी बारिकियों का तथा घटनाक्रम का विस्तृत लेखा-जोखा क्रमबद्ध तरीके से लिखते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार की है.
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने क्या कहा: पत्रकारों से वार्ता करते हुए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की सदस्य शिवानी पांडे ने कहा कि एसआईटी की चार्जशीट पीड़िता के पक्ष में नहीं है. क्योंकि इस केस में पहले दिन से जो सवाल मौजूद थे, वह एसआईटी की चार्जशीट और कोर्ट के फैसले के बाद भी जस के तस बने हुए हैं. एसआईटी ने उस वीआईपी का नाम अभी तक उजागर नहीं किया है और न ही अभी तक वनंतरा रिजॉर्ट को बुलडोजर से ध्वस्त कर सबूत मिटाने वाली विधायक रेनू बिष्ट और पुलकित आर्य के पिता बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद आर्य पर जांच को प्रभावित करने के लिए जांच के दायरे में लिया गया है.
न्याय नहीं मिलने तक आंदोलन के पक्ष में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी: फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों का कहना है कि वो कोर्ट के आदेश को भी पीड़िता के पक्ष में नहीं मानती है. इन सब के खिलाफ आंदोलनकारी लोग आंदोलन और सुप्रीम कोर्ट दोनों का दरवाजा खटखटाएंगे. रेशमा पंवार ने कहा कि इस रिपोर्ट और कोर्ट के आदेश के बाद हमें आंदोलन का ही रास्ता दिखता है. सड़क के आंदोलन से ही न्याय का रास्ता सुनिश्चित हो सकता है. राज्य की महिलाओं को सुरक्षित करने के लिए आम लोगों को आगे आने की जरूरत है.
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी जांच के दौरान अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़े अनेक स्थानों का दौरा किया. कमेटी के सदस्यों ने डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात की थी. इसके बाद ही अंकिता भंडारी की हत्या की जांच कर रही एसआईटी कमेटी की प्रभारी पी रेणुका देवी से भी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी मिली थी. रिपोर्ट श्रीनगर में पेश करने के दौरान शिवानी पांडेय, रेशमा पंवार, राज्य आंदोलनकारी अनिल स्वामी, पत्रकार गंगा असनोड़ा थपलियाल, अंकित उछोली, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र कांडपाल आदि लोग मौजूद थे.
क्या था अंकिता भंडारी मर्डर केस: गौर हो कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त 2022 से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की.
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आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया. आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल (Ankita Bhandari Murder Case) दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य (Pulkit Arya father Vinod Arya) के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके बाद कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं, बीती 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ. जिसके बाद शव को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया. जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया.
अंकिता केस में अभी क्या अपडेट है: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder case) में SIT ने 500 पन्नों की पहली चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी (SIT filed charge sheet) है. 100 से अधिक गवाहों और 30 सबूतों को आधार बनाते हुए एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी (five hundred page charge sheet) है. चार्जशीट में आईपीसी की धारा, 354 ए, 302, 201 120बी और अनैतिक व्यापार अधिनियम के तहत चार्ज लगाए गए हैं.