कोटद्वार: गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के लाल किले पर किसानों के द्वारा हुए हिंसक प्रदर्शन और तिरंगे के अपमान के विरोध में पूर्व सैनिक, अर्धसैनिक और सामाजिक संगठन रैली निकाल कर तहसील परिसर पहुंचे. वहीं, पूर्व सैनिकों ने तहसीलदार के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है. ज्ञापन में तिरंगे का अपमान करने वाले लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है.
दरअसल गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले के भीतर किसान आंदोलन के नाम पर असामाजिक तत्वों ने उग्र आंदोलन किया था. उग्र आंदोलन के खिलाफ देश की सड़कों पर लोगों का गुस्सा दिखने लगा है. इसी के विरोध में लाल किले पर हुए तिरंगे के अपमान के खिलाफ भूतपूर्व सैनिकों ने एक रैली निकाली.
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उनका कहना है कि गणतंत्र दिवस, भारत के लोकतंत्र का महापर्व है. उस दिन भारत की प्रभुसत्ता की निशानी लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआ, जो कि बहुत शर्मसार कर देने वाला वाकया है. भूतपूर्व सैनिकों का कहना है कि जिन लोगों ने ये कृत्य किया है उन सभी के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए.
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वहीं, पूर्व सैनिक प्रकाश रावत का कहना है कि जिस तिरंगे की आन-बान और शान के लिए हमारे सैनिक अपनी जान की बाजी लगाते हुए अपने प्राण निछावर कर देते हैं, 26 जनवरी के दिन उसी तिरंगे का दिल्ली के लाल किले के भीतर अपमान हुआ है. दिल्ली में बैठकर जिसने इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया है उसके खिलाफ पूर्व सैनिकों ने रैली निकाली है. वहीं, उन्होंने मांग की है कि जिन असामाजिक तत्वों ने तिरंगे का अपमान किया है उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए.