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उत्तराखंडः कैबिनेट बैठक में लाए गए खनन प्रस्ताव का विरोध, बताया पर्यावरण मानक के खिलाफ

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Published : Feb 1, 2020, 12:50 PM IST

उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में खनन कारोबारियों व एजेंसियों पर सरकार की मेहरबानी पर उत्तराखंड विकास पार्टी ने असहमति जताई है. इस फैसले को पर्यावरण के खिलाफ बताया है.

खनन प्रस्ताव का विरोध
खनन प्रस्ताव का विरोध

कोटद्वारः हाल ही में हुई उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. बैठक में खनन कारोबार को लेकर भी कुछ फैसले हुए हैं. खनन से जुड़े लोगों व एजेंसियों पर प्रदेश सरकार की मेहरबानी पर उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने रोष जताया है. उन्होंने कहा की इससे पर्यावरण को नुकसान होगा और आने वाली बरसात में आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

खनन प्रस्ताव का विरोध.

गौर हो कि प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में औद्योगिक विकास खनन विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगी व उत्तराखंड उप खनिज (बालू, बजरी, बोल्डर) नीति 2016 में संशोधन किया गया. नीति के अनुसार अभी तक नदी में बालू बजरी व बोल्डर निकालने के लिए नदी की सतह से अधिक डेढ़ मीटर की गहराई या पानी का स्तर तक चुगान करने की छूट थी, लेकिन संशोधन के बाद अब खनन पट्टा धारक 3 मीटर गहराई तक खनन कर सकेंगे.

अब प्रदेश में एक बार पुनः नदियों को रिवर्स चैनेलाइज नीति के अनुसार खोलने की प्रक्रिया में जुटी है. सरकार के इस फैसले पर उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होगा व आने वाली बरसात में आपदा जैसी स्थिति पैदा हो सकती है सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि वे खनन का सपोर्ट करते हैं और खनन को व्यापार बनाया जाना माफियागिरी है. सरकार ने जो कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया है कि 3 मीटर गहराई तक यानी 10 फीट तक नदियों में गड्ढे बना दिए जाएंगे.

यह भी पढ़ेंः तीर्थनगरी में बड़ा घपला, करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं जल रही स्ट्रीट लाइटें

इससे नदियों व पर्यावरण को नुकसान होगा. साथ ही आसपास के रहने वाले लोगों को भी भारी नुकसान उठाना होगा. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय पर्यावरण मानकों के अनुरूप नहीं है.

कोटद्वारः हाल ही में हुई उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. बैठक में खनन कारोबार को लेकर भी कुछ फैसले हुए हैं. खनन से जुड़े लोगों व एजेंसियों पर प्रदेश सरकार की मेहरबानी पर उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने रोष जताया है. उन्होंने कहा की इससे पर्यावरण को नुकसान होगा और आने वाली बरसात में आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

खनन प्रस्ताव का विरोध.

गौर हो कि प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में औद्योगिक विकास खनन विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगी व उत्तराखंड उप खनिज (बालू, बजरी, बोल्डर) नीति 2016 में संशोधन किया गया. नीति के अनुसार अभी तक नदी में बालू बजरी व बोल्डर निकालने के लिए नदी की सतह से अधिक डेढ़ मीटर की गहराई या पानी का स्तर तक चुगान करने की छूट थी, लेकिन संशोधन के बाद अब खनन पट्टा धारक 3 मीटर गहराई तक खनन कर सकेंगे.

अब प्रदेश में एक बार पुनः नदियों को रिवर्स चैनेलाइज नीति के अनुसार खोलने की प्रक्रिया में जुटी है. सरकार के इस फैसले पर उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होगा व आने वाली बरसात में आपदा जैसी स्थिति पैदा हो सकती है सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि वे खनन का सपोर्ट करते हैं और खनन को व्यापार बनाया जाना माफियागिरी है. सरकार ने जो कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया है कि 3 मीटर गहराई तक यानी 10 फीट तक नदियों में गड्ढे बना दिए जाएंगे.

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इससे नदियों व पर्यावरण को नुकसान होगा. साथ ही आसपास के रहने वाले लोगों को भी भारी नुकसान उठाना होगा. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय पर्यावरण मानकों के अनुरूप नहीं है.

Intro:summary खनन कारोबारियों से जुड़े लोगों व एजेंसियों पर प्रदेश सरकार की मेहरबानी होने के कैबिनेट के प्रस्ताव पर उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने रोष जताया, और कहां की इससे पर्यावरण को नुकसान होगा व आने वाली बरसात में आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

intro kotdwar बृहस्पतिवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में औद्योगिक विकास खनन विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगी व उत्तराखंड उप खनिज (बालू बजरी बोल्डर) नीति 2016 में संशोधन किया गया, नीति के अनुसार अभी तक नदी में बालू बजरी व बोल्डर निकालने के लिए नदी की सतह से अधिक डेढ़ मीटर की गहराई या पानी का स्तर तक चुगान करने की छूट थी, लेकिन संशोधन के बाद अब खनन पट्टा धारक 3 मीटर गहराई तक खनन कर सकेंगे, अब प्रदेश में एक बार पुणे नदियों को रिवर्स चैनेलाइज नीति के अनुसार खोलने की प्रक्रिया में जुटी है, सरकार के इस फैसले पर उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होगा व आने वाली बरसात में आपदा जैसी स्थिति पैदा हो सकती है सरकार को इस पर विचार करना चाहिए।


Body:वीओ1- वहीं उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि हम खनन का सपोर्ट करते हैं हमारा कहना है कि खनन को व्यापार बनाया जाना चाहिए ना कि माफिया गिरी, सरकार ने जो कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया है कि 3 मीटर गहराई तक यानी 10 फीट तक नदियों में गड्ढे बना दिए जाएंगे, इससे नदियों को नुकसान है पर्यावरण को नुकसान और आसपास के रहने वाले लोगों को भी भारी नुकसान होगा नदी में अधिक गहराई होने कारण उन जगहों पर पानी का घनत्व अधिक बढ़ जाएगा, नदी उस जगह पर कटाव ज्यादा करेगी और बरसात के समय आपके जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी, जबकि सिंचाई विभाग के द्वारा बनाई गई सुरक्षा दीवार भी आपदा को रोकने में सक्षम नहीं है, वह भी नदी के तेज बहाव में बह जाएगी सरकार का यह बहुत गलत निर्णय है, सरकार को इस पर विचार करना चाहिए, सरकार को 2016 की नीति के अनुसार डेढ़ मीटर के सारी नदियों में चेन्नई से कार्य करवाना चाहिए सरकार को एक बार इस पर पुनः विचार कर निर्णय लेना चाहिए।

बाइट मुजीब नैथानी, उत्तराखंड विकास पार्टी अध्यक्ष


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