पौड़ी: जिला पंचायत पौड़ी में लगातार उजागर हो रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर कांग्रेस ने साल 2003 से जिला पंचायत के कार्यकाल की एसआईटी जांच करने की मांग की है. कांग्रेस का आरोप है कि जीरो टॉलरेंस की बात कर रही है सरकार में लगातार भ्रष्टाचार के मामले उजागर होते जा रहे हैं. ऐसे में अगर प्रदेश सरकार सही में जीरो टॉलरेंस के पक्ष में है तो वह साल 2003 से पौड़ी जिला पंचायत के कार्यकाल की एसआईटी जांच करवाएं. ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
खिर्सू क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य आरती भंडारी ने जिला पंचायत पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला पंचायत में करीब 150 रजिस्टर्ड ठेकेदार हैं. लेकिन जिला पंचायत की ओर से अपने चहेते ठेकेदारों को ही सारा काम दिया जा रहा है. जिस कारण अन्य ठेकेदार बेरोजगारी की मार से जूझ रहे हैं.
भंडारी का आरोप है कि जिला पंचायत के अधिकतर कामों में भ्रष्टाचार की बू आ रही है. जिस तरह से जिला पंचायत अपने चहेते ठेकेदारों को काम दे रहा है उससे साफ नजर आ रहा है कि वहां भ्रष्टाचार अपने चरम पर है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य राज्यपाल बिष्ट ने बताया कि लगातार जिला पंचायत में भ्रष्टाचार के मामले उजागर होते जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व और वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी से है और लगातार बीजेपी के कार्यकाल में जिला पंचायत सदस्यों की ओर से सवाल खड़े किए जा रहे हैं. यदि प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस के पक्ष में है तो वह साल 2003 में पहली जिला पंचायत अध्यक्ष जो कि कांग्रेस से थी. उनके कार्यकाल से अभी तक सभी के कार्यकाल की एसआईटी जांच करवाएं. ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाय.