श्रीनगर/विकासनगर/टिहरी: उत्तराखंड में इगास का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में इस पर्व पर आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट श्रीनगर पहुंचे. यहां सिद्धपीठ मां धारी देवी मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की (Mahendra Bhatt visited Dhari Devi Temple) और प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की. वहीं, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने विकासनगर पहुंचकर ग्यास पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. इस मौके पर मंत्री रेखा आर्य पारंपरिक लोकपरिधान में खूब थिरकती नजर आईं.
ग्यास पर्व पर जौनसारी परिधान पहनकर जमकर थिरकीं रेखा आर्यः विकासनगर के परशुराम मंदिर बोहरी गांव में ग्यास पर्व धूमधाम से मनाया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने शिरकत की. रेखा आर्य ने जौनसारी पोशाक पहनकर सबसे पहले भगवान परशुराम मंदिर में माथा टेका और उत्तराखंड की खुशहाली की कामना की. उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम में महिलाओं के साथ हारुल नृत्य भी किया.
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि ग्यास पर्व उत्तराखंड का लोक पर्व है. इस बार उन्हें बोहरी गांव स्थित परशुराम मंदिर में दर्शन करने का मौका मिला है. अपनी संस्कृति को बचाने और बढ़ाने के लिए सांस्कृतिक मेले का आयोजन हुआ है. मातृशक्ति और युवाशक्ति सभी इस पर्व को उत्सव के रूप में मना रहे हैं.
वहीं, श्रीनगर पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने धारी देवी के नए मंदिर का जायजा भी लिया. इस दौरान पुजारियों ने उन्हें मंदिर में आ रही समस्याओं से भी अवगत कराया. पुजारियों ने कहा कि लंबे समय से श्रीनगर जल विद्युत परियोजना की ओर से मंदिर को समिति को हस्तांतरित नहीं कर रही है. जिस पर महेंद्र भट्ट ने उन्हें मंदिर के संबंध में उचित आश्वासन दिए. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया कि आज वो अपने गांव थाला पखोरी में इगास पर्व मनाएंगे. उन्होंने समस्त प्रदेशवासियों को इगास पर्व की बधाई (Igas Festival in Uttarakhand) भी दी.
सांसद अनिल बलूनी लोकपर्व इगास पर नहीं पहुंचे अपने गांवः उत्तराखंड में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की मुहिम (Rajya Sabha MP Anil Baluni) के चलते ही इगास पर्व सुर्खियों में आया, लेकिन प्रवासियों को इगास मनाने के लिए वापस गांव बुलाने का बलूनी का यह आह्वान अब फीका पड़ता जा रहा है. इस बार अनिल बलूनी अपने पैतृक गांव नहीं पहुंचे. ऐसे में उनके समर्थकों में मासूसी रही. हालांकि, उनके पैतृक गांव में पूरे पारंपरिक तरीके से लोकपर्व इगास धूमधाम के साथ मनाया गया. वहीं, इस मौके पर ग्रामीणों ने देश और राज्य की सुख समृद्धि की कामना की.
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पौड़ी के कोट ब्लॉक के नकोट गांव निवासी राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी की गांव में उत्तराखंड के लोक पर्व इगास के पारंपरिक तरीके से मनाए जाने की मुहिम अब दम तोड़ती नजर आ रही है. पलायन की मार से पौड़ी के कई गांव आज भुतहा हो चुके हैं. इसका सीधा प्रभाव लोक संस्कृतियों पर पड़ रहा है. जिसके चलते सांसद बलूनी ने गांवों में इगास को मनाने के लिए सभी प्रवासियों को गांव आने का आह्वान किया था, लेकिन बलूनी अपनी इस मुहिम को साकार करने के लिए महज एक बार पिछले साल 2021 में अपने पैतृक गांव नकोट पहुंचे.
कब शुरू की बलूनी ने मुहिमः राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने साल 2018 में उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक पर्व इगास को गांव में मनाने की मुहिम शुरू की थी. तब बलूनी खुद भी अपने गांव पहुंचने वाले थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों के चलते वे नहीं पहुंच सके. उनकी जगह पार्टी के एक अन्य राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा नकोट गांव पहुंचे. इसके बाद साल 2019 और 20 इस मुहिम को और अधिक धूमधाम के साथ मनाए जाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं ने खूब प्रचार प्रसार किया, लेकिन बलूनी नहीं पहुंच पाए.
इगास पर्व को नए कलेवर में लाने के लिए तब बलूनी को बीते साल 2021 में गांव आना ही पड़ा. उनके पहुंचने से कार्यक्रम को वृहद स्तर पर आयोजित किया गया. गांव को परंपरा के अनुसार खूब सजाया गया और इगास मनाने के बाद बलूनी ने सभी लोगों को शुभकामनाएं दी, लेकिन इस बार फिर अनिल बलूनी के नहीं पहुंचने से गांव में मायूसी जरूर नजर आ रही है.
टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने दी इगास की बधाईः लोकपर्व इगास के मौके पर टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह (Tehri MP Mala Rajya Laxmi Shah) ने प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि इगास बग्वाल उत्तराखंड का महत्वपूर्ण लोकप्रिय पर्व है. ऐसे में उत्तराखंड हमेशा तरक्की की पथ पर आगे बढ़े. बता दें कि टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह टिहरी राजशाही के अंतिम राजा स्व. राजा मानवेंद्र शाह की पुत्रवधू हैं. स्व. राजा मानवेंद्र शाह टिहरी के सांसद रह चुके हैं.
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