कोटद्वार: इन दिनों पहाड़ों पर जोरदार बारिश हो रही है, जिसके कारण नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है. कुछ नदियों तो ऐसी है जो अचानक उफान पर आ जाती हैं. ऐसी नदियों के किनारे पिकनिक मनाना किसी खतरे से कम नहीं होता है, लेकिन कुछ लोगों इन खतरों को नजरअंदाज कर नदियों में नहाने और पिकनिक मनाने जा रहे हैं.
ताज्जुब की बात तो यह है कि पुलिस-प्रशासन भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. पुलिस-प्रशासन की ये स्थिति तब है. जब उनकी तरफ से पहले ही इसको लेकर एडवाइजरी जारी हुई है कि बरसात के दिनों में नदियों के किनारे न जाए. कोटद्वार में ऐसे कई हादसे पहले भी हो चुके है.
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कुछ घटनाओं पर एक नजर
- 12 जुलाई 2020 खोह नदी में नहाते समय दो बच्चों की डूबने से मौत हुई थी.
- 6 जून 2019 खोह नदी की सहायक नदी लंगूर नदी में मौज मस्ती करने गए 22 साल युवक की डूबने से मौत हो गई थी.
- 30 अगस्त 2019 जानवरों के लिए चारा लेने गए दंपति नदी के बीच फंस गए थे, जिनका एसडीआरएफ ने रेस्क्यू किया था.
- 18 अगस्त 2019 पूजा करने गए तीन लोग सुखरौ नदी के उफान में फंस गए थे, जिनका एसडीआरएफ ने रेस्क्यू किया था.
- 20 जुलाई 2018 खोह नदी में डूबने से युवक की मौत हो गई थी.
- 16 सितम्बर 2017 को खोह नदी में नहाते समय एक युवक डूब गया था.
इस बारे में उपजिलाधिकारी कोटद्वार योगेश मेहरा ने कहा कि खासतौर पर नदी किनारे रहने वाले लोगों को माइक सिस्टम से अलर्ट किया गया है कि वे अपना और बच्चों का ख्याल रखें. साथ ही नदियों के किनारे न जाएं. वहीं सिंचाई विभाग और पुलिस विभाग को सख्त निर्देश दिए गए है कि नदी क्षेत्र में कोई व्यक्ति अनावश्यक रूप से घूमता हुआ पाया जाए तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए.