पौड़ीः वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना और दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना की एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में लोन लेने वाले 19 आवेदकों को बुलाया गया. जिसमें 18 आवेदकों को लोन देने की संस्तुति दी गई. वहीं, कुछ दस्तावेजों की कमी के चलते एक व्यक्ति को उन कमियों को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. जबकि, कुछ आवेदकों को तकनीकी दिक्कतों के चलते बैंक से लोन नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है.
बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से जनता को सरकारी योजनाओं के तहत लोन देकर स्वरोजगार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, लेकिन दूसरी ओर तकनीकी दिक्कतों के चलते आवेदकों को बैंक लोन नहीं दे रहा है. पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के रहने वाले हरिप्रसाद कपरवान ने बताया कि उन्होंने होमस्टे शुरू करने के लिए बैंक से लोन के लिए आवेदन किया था. सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद बैंक की ओर से बताया गया है कि उनकी पैतृक भूमि में उन्हें लोन नहीं दिया जा सकता है. जबकि, पहाड़ों में ज्यादातर लोगों के पास अपनी पैतृक भूमि है.
जिन पर वो होम स्टे का कार्य भी कर रहे हैं, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते उन्हें बैंक लोन नहीं दे रहा है. जिससे उन्हें बार-बार पौड़ी आकर सरकारी विभागों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. वहीं, अन्य आवेदक हरिप्रसाद ने बताया कि तकनीकी दिक्कतों के चलते उन्हें बैंक की ओर से लोन नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते उन्हें आज भी बुलाया गया था, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है.
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जिला साहसिक एवं पर्यटन अधिकारी खुशाल सिंह नेगी ने बताया कि आज पौड़ी के विकास भवन सभागार में आवेदकों को बुलवाया गया था. उनके पास 19 लोगों के आवेदन मिले थे. जिसमें 5 लोगों ने होमस्टे के लिए आवेदन किया था. जिनमें से 4 लोगों को लोन की संस्तुति मिल गई है. जबकि, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना के तहत 14 लोगों ने वाहनों और होटल के लिए आवेदन किया था. जिनमें सभी लोगों के दस्तावेज पूरे होने के चलते उन्हें भी संस्तुति दे दी गई है.