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पहाड़ों में बारिश से बढ़ा अलकनंदा का जलस्तर, वार्निंग लेबल पर बह रही नदी

पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण मैदानी इलाकों में खतरा बना हुआ है. लगातार हो रही बारिश से अलकनंदा नदी उफान पर है. अलकनंदा नदी डेंजर लेवल से सिर्फ एक मीटर नीचे बह रही है.

Alaknanda river
अलकनंदा नदी
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Published : Aug 19, 2020, 1:47 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 2:53 PM IST

श्रीनगर: पर्वतीय इलाकों में हो रही बारिश और श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के बांध से छोड़े जा रहे पानी के चलते अलकनंदा नदी उफान पर है. अलकनंदा नदी डेंजर लेवल से बस एक मीटर नीचे बह रही है. जबकि अलकनंदा नदी का जलस्तर वार्निंग लेवल 534 मीटर पर बह रहा है, जिससे निचले इलाकों में खतरा बना हुआ है.

वार्निंग लेबल पर बह रही अलकनंदा
अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से श्रीनगर का अल्केश्वर घाट पूरी तरह से डूब गया है. घाट में लाए जाने वाले शवों के दाह संस्कार में दिक्कत पैदा हो रही है. जनपद पौड़ी के सबसे बड़े घाट भक्तियाना में भी पानी बढ़ा हुआ है. जिससे घाट में शव दाह करने के लिए जगह नहीं बची है. प्रशासन द्वारा शव दाह करने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. इसके साथ ही बड़ी परेशानी रेलवे लाइन में भी आ रही है. पानी बढ़ने से रेलवे के ब्रिज निर्माण में ब्रेक लग गया है. अब नदी का जलस्तर कम होने पर ही ब्रिज के पिलरों का कार्य हो सकेगा.

पढ़ें: रुद्रप्रयाग: बारिश और भूस्खलन ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

आपदा नियंत्रण अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह चौहान ने बताया की चमोली और रुद्रप्रयाग में हो रही बारिश से नदी का लेबल बढ़ रहा है. जिसपर केंद्रीय भूमि जल बोर्ड और सिंचाई विभाग नजर रखे हुए हैं.

श्रीनगर: पर्वतीय इलाकों में हो रही बारिश और श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के बांध से छोड़े जा रहे पानी के चलते अलकनंदा नदी उफान पर है. अलकनंदा नदी डेंजर लेवल से बस एक मीटर नीचे बह रही है. जबकि अलकनंदा नदी का जलस्तर वार्निंग लेवल 534 मीटर पर बह रहा है, जिससे निचले इलाकों में खतरा बना हुआ है.

वार्निंग लेबल पर बह रही अलकनंदा
अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से श्रीनगर का अल्केश्वर घाट पूरी तरह से डूब गया है. घाट में लाए जाने वाले शवों के दाह संस्कार में दिक्कत पैदा हो रही है. जनपद पौड़ी के सबसे बड़े घाट भक्तियाना में भी पानी बढ़ा हुआ है. जिससे घाट में शव दाह करने के लिए जगह नहीं बची है. प्रशासन द्वारा शव दाह करने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. इसके साथ ही बड़ी परेशानी रेलवे लाइन में भी आ रही है. पानी बढ़ने से रेलवे के ब्रिज निर्माण में ब्रेक लग गया है. अब नदी का जलस्तर कम होने पर ही ब्रिज के पिलरों का कार्य हो सकेगा.

पढ़ें: रुद्रप्रयाग: बारिश और भूस्खलन ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

आपदा नियंत्रण अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह चौहान ने बताया की चमोली और रुद्रप्रयाग में हो रही बारिश से नदी का लेबल बढ़ रहा है. जिसपर केंद्रीय भूमि जल बोर्ड और सिंचाई विभाग नजर रखे हुए हैं.

Last Updated : Aug 19, 2020, 2:53 PM IST
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