कोटद्वार: आज के वक्त में ऑनलाइन शॉपिंग लोगों की जरूरत बन गई है. ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए लोग अपनी मनपसंद प्रोडक्ट को घर मंगवाते हैं, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त आपको विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है. क्योंकि आज के दौर में साइबर ठग इन एप, वेबसाइट और ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर घात लगाए बैठे हैं. ऐसे में छोटी सी लापरवाही आपको ठगी का शिकार बना सकती है.
ऐसा ही एक मामला कोटद्वार में सामने आया है. कोटद्वार कोतवाली क्षेत्र के लकड़ी पड़ाव गाड़ीघाट निवासी अक्षत कुमार पुत्र नितिन गुप्ता को ऑनलाइन मोबाइल खरीदना महंगा पड़ गया. ठगों ने अक्षत से करीब 92 हजार ठग लिए और मोबाइल भी नहीं दिया. नितिन ने बताया कि उसके बेटे अक्षत कुमार ने 15 दिसंबर को एक कंपनी की वेबसाइट पर मोबाइल की स्कीम देखी और लालच में आ गया.
अक्षत कंपनी के माध्यम से ऑनलाइन मोबाइल मंगाने के लिए पंजीकरण कराया गया. एक दिन बाद कंपनी के एक व्यक्ति ने उसके बेटे से संपर्क किया और कहा कि स्कीम जल्द खत्म हो सकती है. इसलिए जल्द पैसा जमा करें. स्कीम का लाभ लेने के लिए उनके बेटे ने 16 और 17 दिसंबर को 14 अलग-अलग पेटीएम और गूगल पे ट्रांजेक्शन के माध्यम से उनके खाते में जमा करा दिए. पैसा जमा कराने के बाद भी जब कंपनी ने मोबाइल नहीं भेजा तो उसे ठगी का अहसास हुआ.
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अक्षत गुप्ता ने बताया कि एक ओएलएक्स कंपनी के साइट पर एक मोबाइल देखा. जैसे ही उसने मोबाइल खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन किया तो, एक आदमी ने उसे कंपनी एजेंट बनकर फोन किया. उसने अक्षत से कहा कि आप जल्दी से पैसे ऑनलाइन भेज दें, नहीं तो स्कीम खत्म हो जाएगी. बार-बार उससे पेटीएम अकाउंट नंबर मांगा जा रहा था.
नितिन गुप्ता का कहना है 17 तारीख को उनके बेटे को फोन आया था कि हम मोबाइल और सेकंड हैंड बाइक बेचते हैं. मेरे बेटे ने एप डाउनलोड किया और उसमें ₹320 की एंट्री करवाई, पांच हजार, दस हजार पेमेंट डाल दिया. जिसके बाद वहां से कहा गया कि यह पेमेंट रिसीब नहीं हो रहा है. जल्दी और पैसे डालने की बात कही गई. अक्षत को गुमराह कर लगभग 92 हजार रुपए की ठगी की गई.
वहीं, वरिष्ठ उप निरीक्षक प्रदीप नेगी ने बताया कि युवक के परिजनों की तहरीर मिली है. जिस पर बाजार चौक प्रभारी संदीप शर्मा को जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं. जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी.