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पौड़ी:  संसाधनों से जूझ रहा आबकारी विभाग, प्राइवेट वाहनों से कर रहा छापेमारी

आबकारी अधिकारी ने भी इस बात को स्वीकारा है कि जरूरत पड़ने पर प्राइवेट वाहन की मदद से छापेमारी की जाती है. जिससे कभी बार शराब तस्करों को कार्रवाई की भनक लग जाती है. प्रदेश में आबकारी विभाग राजस्व देने वाला विभाग है.

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Published : Feb 15, 2019, 1:35 PM IST

आबकारी विभाग ने चलाया अभियान.

पौड़ी: रुड़की शराब कांड के बाद प्रदेश में आबकारी विभाग की ओर से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ताबड़तोड़ छापे मारे जा रहे हैं. शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिये कच्ची शराब और अवैध शराब बेचने वाले पर आबकारी अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है.जिससे शराब माफियाओं में खलबली मची हुई है. वहीं आबकारी महकमा लंबे समय से स्टॉफ और संसाधनों की भारी कमी है. जिससे अभियान को गति नहीं मिल पा रही है.
गौर हो कि रुड़की शराब कांड ने सरकार को हिला कर रख दिया था. जिसके बाद से ही शासन-प्रशासन अवैध शराब के खिलाभ अभियान चलाये हुये है. लेकिन वहीं आबकारी विभाग लंबे समय से संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. आबकारी विभाग के पास गाड़ी और स्टाफ की कमी की भारी कमी है, जिसके चलते विभाग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

आबकारी विभाग ने चलाया अभियान.
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वहीं आबकारी अधिकारी ने भी इस बात को स्वीकारा है कि जरूरत पड़ने पर प्राइवेट वाहन की मदद से छापेमारी की जाती है. जिससे कभी बार शराब तस्करों को कार्रवाई की भनक लग जाती है. प्रदेश में आबकारी विभाग राजस्व देने वाला विभाग है. विभाग को पूर्व वर्ष के मुकाबले इस वर्ष काफी अधिक राजस्व का फायदा हुआ है फिर भी विभाग स्टाफ और वाहन की कमी से जूझ रहा है. इसके बावजूद विभाग सरकार के फरमान पर अमल कर रहा है. लेकिन संसाधनों की कमी से कई बार आबकारी विभाग के सामने कई समस्या पैदा हो जाती है. जनपद में 7 पद रिक्त पड़े है जिसमे की मुख्य रूप से तीन हेड कांस्टेबल, 1 आबकारी निरीक्षक और 1 आबकारी सिपाही की कमी है. वहीं आबकारी विभाग का दावा है कि पौड़ी जनपद में कच्ची शराब की बिक्री पर लगाम लगाने के लिये विभाग काफी हद तक कामयाब हुआ है.

पढ़ें-उत्तराखंड बजट सत्र: सदन की कार्यवाही शुरू, शहीदों के परिवार को एक माह का वेतन देने का प्रस्ताव

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जिला आबकारी अधिकारी प्रभाशंकर मिश्रा ने बताया कि जनपद में अवैध शराब और कच्ची शराब बनाने वाले लोगों की धरपकड़ करने के लिए समय-समय पर छापेमारी की जा रही है. वहीं स्टाफ की कमी आड़े नहीं आ रही है. प्राइवेट वाहनों से छापेमारी की जा रही है. वहीं आबकारी निरीक्षक प्रमोद मैठाणी ने बताया कि जनपद में 3 हेड कांस्टेबल, एक आबकारी सिपाही और आबकारी निरीक्षक की कमी चल रही है जिससे कामकाज में काफी दिक्कत होती है. उन्होंने कहा कि उन्हों प्रयाप्त संसाधन मिलते तो अभियान में सफलता मिलती.

पौड़ी: रुड़की शराब कांड के बाद प्रदेश में आबकारी विभाग की ओर से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ताबड़तोड़ छापे मारे जा रहे हैं. शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिये कच्ची शराब और अवैध शराब बेचने वाले पर आबकारी अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है.जिससे शराब माफियाओं में खलबली मची हुई है. वहीं आबकारी महकमा लंबे समय से स्टॉफ और संसाधनों की भारी कमी है. जिससे अभियान को गति नहीं मिल पा रही है.
गौर हो कि रुड़की शराब कांड ने सरकार को हिला कर रख दिया था. जिसके बाद से ही शासन-प्रशासन अवैध शराब के खिलाभ अभियान चलाये हुये है. लेकिन वहीं आबकारी विभाग लंबे समय से संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. आबकारी विभाग के पास गाड़ी और स्टाफ की कमी की भारी कमी है, जिसके चलते विभाग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

आबकारी विभाग ने चलाया अभियान.
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वहीं आबकारी अधिकारी ने भी इस बात को स्वीकारा है कि जरूरत पड़ने पर प्राइवेट वाहन की मदद से छापेमारी की जाती है. जिससे कभी बार शराब तस्करों को कार्रवाई की भनक लग जाती है. प्रदेश में आबकारी विभाग राजस्व देने वाला विभाग है. विभाग को पूर्व वर्ष के मुकाबले इस वर्ष काफी अधिक राजस्व का फायदा हुआ है फिर भी विभाग स्टाफ और वाहन की कमी से जूझ रहा है. इसके बावजूद विभाग सरकार के फरमान पर अमल कर रहा है. लेकिन संसाधनों की कमी से कई बार आबकारी विभाग के सामने कई समस्या पैदा हो जाती है. जनपद में 7 पद रिक्त पड़े है जिसमे की मुख्य रूप से तीन हेड कांस्टेबल, 1 आबकारी निरीक्षक और 1 आबकारी सिपाही की कमी है. वहीं आबकारी विभाग का दावा है कि पौड़ी जनपद में कच्ची शराब की बिक्री पर लगाम लगाने के लिये विभाग काफी हद तक कामयाब हुआ है.

पढ़ें-उत्तराखंड बजट सत्र: सदन की कार्यवाही शुरू, शहीदों के परिवार को एक माह का वेतन देने का प्रस्ताव

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जिला आबकारी अधिकारी प्रभाशंकर मिश्रा ने बताया कि जनपद में अवैध शराब और कच्ची शराब बनाने वाले लोगों की धरपकड़ करने के लिए समय-समय पर छापेमारी की जा रही है. वहीं स्टाफ की कमी आड़े नहीं आ रही है. प्राइवेट वाहनों से छापेमारी की जा रही है. वहीं आबकारी निरीक्षक प्रमोद मैठाणी ने बताया कि जनपद में 3 हेड कांस्टेबल, एक आबकारी सिपाही और आबकारी निरीक्षक की कमी चल रही है जिससे कामकाज में काफी दिक्कत होती है. उन्होंने कहा कि उन्हों प्रयाप्त संसाधन मिलते तो अभियान में सफलता मिलती.

Intro:पौड़ी-
रुड़की शराब कांड के बाद प्रदेश में आबकारी विभाग की ओर से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है और क्षेत्रों में बन रही कच्ची शराब और अवैध शराब पर नकेल कसने के लिए आबकारी अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही भी की जा रही है। वहीं जनपद पौड़ी में आबकारी विभाग की ओर से समय-समय पर छापेमारी कर बनने वाली कच्ची शराब और अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन आबकारी विभाग के पास गाड़ी और स्टाफ की कमी के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण विभाग को उम्मीद के मुकाबले कामयाबी हासिल होना भी संभव नहीं है। वही आबकारी अधिकारी ने भी इस बात को स्वीकारा है कि जरूरत पड़ने पर प्राइवेट वाहन की मदद से छापेमारी करते हैं और स्टाफ की कमी के चलते उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


Body:प्रदेश सरकार को सर्वाधिक राजस्व देने वाला आबकारी विभाग इन दिनों स्टाफ और वाहन की कमी से जूझ रहा है हालांकि विभाग को पूर्व वर्ष के मुकाबले इस वर्ष काफी अधिक राजस्व का फायदा हुआ है फिर भी विभाग को स्टाफ और वाहन मुहैया नहीं करवाया गया है इसके चलते स्वाभाविक है कि विभाग कैसे तेजी से काम करेगा फिर भी विभाग अपने पूरे प्रयासों से छापेमारी के काम पर जुटा हुआ है।जनपद पौड़ी में दूरस्थ क्षेत्रों में बनने वाली कच्ची शराब को पूरी तरह समाप्त करने के लिए विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है फिर भी कम स्टाफ होने के बाद विभाग दावे कर रहा है कि समय समय पर छापेमारी कर अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए भी साथ कड़ी मेहनत की जा रही है। सवाल यह खड़ा होता है कि जब विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ ही नहीं है और ना ही वाहन की सुविधा है तो कैसे विभाग रफ्तार से काम करेगा।विभाग के पास लंबे समय से स्टाफ व वाहन की कमी चल रही है जनपद में दूरस्थ क्षेत्रों में छापेमारी करने के लिए मात्र एक ही महान है दूसरे वाहन की आवश्यकता पड़ने पर विभाग प्राइवेट वाहन की मदद लेकर छापेमारी कर रहा है। जनपद में 7 पद रिक्त पड़े है जिसमे की मुख्य रूप से तीन हेड कांस्टेबल, 1 आबकारी निरीक्षक और 1 आबकारी सिपाही की कमी है।


Conclusion:जिला आबकारी अधिकारी प्रभाशंकर मिश्रा ने बताया कि जनपद में अवैध शराब और कच्ची शराब बनाने वाले लोगों की धरपकड़ करने के लिए समय-समय पर छापेमारी की जा रही है वहीं स्टाफ की कमी होने के चलते काफी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा है खासतौर पर एक ही वाहन होने के कारण उन्हें प्राइवेट वाहन की मदद से छापेमारी करनी पड़ती है वहीं आबकारी निरीक्षक प्रमोद मैठाणी ने बताया कि जनपद में 3 हेड कांस्टेबल, एक आबकारी सिपाही और आबकारी निरीक्षक की कमी चल रही है जिससे कामकाज में काफी दिक्कत होती है। वहीं जनपद में क्षेत्र का बड़ा होना और स्टाफ की कमी के बाद भी वह समय-समय पर छापेमारी कर रहे हैं और सफलता भी हासिल हो रही है यदि विभाग में स्टाफ की कमी को पूरा कर लिया जाता है और एक अतिरिक्त वाहन उन्हें मिल जाता है तो जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में संभवत कम समय पर पहुंचकर अधिक काम किया जा सकता है
बाईट- प्रभासंकर मिश्र ( ज़िला आबकारी अधिकारी पौड़ी)
बाईट-प्रमोद मैठाणी (आबकारी निरीक्षक)
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