पौड़ी: रुड़की शराब कांड के बाद प्रदेश में आबकारी विभाग की ओर से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ताबड़तोड़ छापे मारे जा रहे हैं. शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिये कच्ची शराब और अवैध शराब बेचने वाले पर आबकारी अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है.जिससे शराब माफियाओं में खलबली मची हुई है. वहीं आबकारी महकमा लंबे समय से स्टॉफ और संसाधनों की भारी कमी है. जिससे अभियान को गति नहीं मिल पा रही है.
गौर हो कि रुड़की शराब कांड ने सरकार को हिला कर रख दिया था. जिसके बाद से ही शासन-प्रशासन अवैध शराब के खिलाभ अभियान चलाये हुये है. लेकिन वहीं आबकारी विभाग लंबे समय से संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. आबकारी विभाग के पास गाड़ी और स्टाफ की कमी की भारी कमी है, जिसके चलते विभाग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं आबकारी अधिकारी ने भी इस बात को स्वीकारा है कि जरूरत पड़ने पर प्राइवेट वाहन की मदद से छापेमारी की जाती है. जिससे कभी बार शराब तस्करों को कार्रवाई की भनक लग जाती है. प्रदेश में आबकारी विभाग राजस्व देने वाला विभाग है. विभाग को पूर्व वर्ष के मुकाबले इस वर्ष काफी अधिक राजस्व का फायदा हुआ है फिर भी विभाग स्टाफ और वाहन की कमी से जूझ रहा है. इसके बावजूद विभाग सरकार के फरमान पर अमल कर रहा है. लेकिन संसाधनों की कमी से कई बार आबकारी विभाग के सामने कई समस्या पैदा हो जाती है. जनपद में 7 पद रिक्त पड़े है जिसमे की मुख्य रूप से तीन हेड कांस्टेबल, 1 आबकारी निरीक्षक और 1 आबकारी सिपाही की कमी है. वहीं आबकारी विभाग का दावा है कि पौड़ी जनपद में कच्ची शराब की बिक्री पर लगाम लगाने के लिये विभाग काफी हद तक कामयाब हुआ है.
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जिला आबकारी अधिकारी प्रभाशंकर मिश्रा ने बताया कि जनपद में अवैध शराब और कच्ची शराब बनाने वाले लोगों की धरपकड़ करने के लिए समय-समय पर छापेमारी की जा रही है. वहीं स्टाफ की कमी आड़े नहीं आ रही है. प्राइवेट वाहनों से छापेमारी की जा रही है. वहीं आबकारी निरीक्षक प्रमोद मैठाणी ने बताया कि जनपद में 3 हेड कांस्टेबल, एक आबकारी सिपाही और आबकारी निरीक्षक की कमी चल रही है जिससे कामकाज में काफी दिक्कत होती है. उन्होंने कहा कि उन्हों प्रयाप्त संसाधन मिलते तो अभियान में सफलता मिलती.