कोटद्वार: स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत (Health Minister Dr Dhan Singh Rawat) भले ही प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के कितने ही दावे कर लें, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. ताजा मामला पौड़ी जनपद के दूरस्थ नैनीडांडा ब्लॉक का है. जहां एक गर्भवती को कोटद्वार बेस अस्पताल आने के दौरान जीएमओयू की बस में ही प्रसव कराना पड़ा. गनीमत रही कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
जानकारी के मुताबिक, नैनीडांडा के गोदियाल गांव निवासी हेमा देवी ने प्रवस पीड़ा होने पर अपनी पति के साथ नैनीडांडा स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी. जहां अल्ट्रासाउंड की सुविधा और डॉक्टर न होने चलते अस्पताल में तैनात नर्स ने उन्हें 100 किलोमीटर दूर कोटद्वार बेस अस्पताल जाने की सलाह दी.
ऐसे में हेमा देवी और उनके पति प्रेम सिंह रावत नैनीडांडा से जीएमओयू की दैनिक बस सेवा द्वारा कोटद्वार बेस अस्पताल के लिए निकल पड़े. वहीं, शाम करीब 4.30 बजे कोटद्वार पहुंचने से पहले ही पुलिंडा मार्ग पर हेमा देवी को असहनीय प्रसव पीड़ा होने लगी. ऐसे में हेमा की स्थिति देख चालक ने सभी पुरुष यात्रियों को बस से नीचे उतार दिया और बस सवार दो महिलाओं की मदद से हेमा देवी का प्रसव कराया. बस में ही हेमा ने एक बच्ची को जन्म दिया है.
ये भी पढ़ें: इंस्टाग्राम पर हुआ प्यार, प्रेमिका ने की बेवफाई तो झोंका फायर, आरोपी प्रेमी गिरफ्तार
स्वास्थ महकमे में मचा हड़कंप: नैनीडांडा की गोदियाल गांव की महिला को भी सही समय पर बेहतर स्वास्थ्य सेवा न मिलने पर जीएमओयू की बस में प्रवस करने के लिए मजबूर होना पड़ा. ऐसे में इस घटना के बाद से जनपद के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, इस अब इस मामले की जांच की बात भी कही जा रही है.
जिला चिकित्साधिकारी ने बताया कि नैनीडांडा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन डॉक्टरों की तैनाती की गई है. जिसमें एक डॉक्टर ट्रेनिंग करने व दूसरा परास्नातक कोर्स के लिए बाहर गया है. तीसरा डॉक्टर अवकाश पर था, जिस वजह से महिला की जांच नर्स ने की थी.
एंबुलेंस की मदद से पहुंचाया गया कोटद्वार: बस में प्रसव के बाद हेमा देवी को 108 एंबुलेंस की मदद से कोटद्वार बेस अस्पताल लाया गया है. डॉक्टरों का कहना है कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. नर्स ने बताया महिला बस में लेटी हुई थी और बच्चा उल्टा बाहर की ओर आ रहा था. काफी प्रयास के बाद डिलीवरी हो पाई. वहीं, महिला के पति प्रेम सिंह ने बताया कि नैनीडांडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात कर्मचारियों ने अल्ट्रासाउंड मशीन न होने पर उन्हें कोटद्वार जाने को कहा था. जिसके बाद वह जीएमओयू की बस में सवार होकर कोटद्वार बेस अस्पताल आ रहे थे.