पौड़ी: पहाड़ों की जीवनदायिनी कही जाने वाली 108 सेवा लगातार सवालों के घेरे में है. विगत कुछ दिनों से लगातार इसकी शिकायतें मिल रहीं हैं. वर्तमान में जीवीके से मुक्त कर कैंप के साथ 108 का अनुबंध किया जा रहा है. वहीं 108 वाहन के चालक और फार्मासिस्ट सभी लोग हड़ताल पर राजधानी पहुंचे हैं. जीवीके के बाद अब कैंप की मदद से पहाड़ों में सेवाएं दी जाएंगी.
मंगलवार को नई कंपनी ने अपना कार्यभार संभालकर अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी. वहीं जनपद पौड़ी के पांच वाहन और उनके लिए चालकों को जीवीके से लिया गया है. इसमें से कुछ वाहनों की हालत ठीक नहीं है.
जिनकी हालत को सुधारकर सुचारु रूप से चलाया जाएगा. जब तक नई कंपनी पूरी तरह से वाहनों और वाहन चालकों की व्यवस्था नहीं कर लेती तब तक पहाड़ों में 108 सेवा को सुचारु करना संभव नहीं है. जनपद में 17 लोकेशन में मात्र आठ ही लोकेशन पर व्यवस्था है बाकी अन्य 9 लोकेशन राम भरोसे हैं.
पौड़ी के स्थानीय निवासियों का कहना है कि सरकार की ओर से चलाई जा रही है 108 सेवा जनता के लिए काफी लाभदायक है. पहाड़ों में जरूरत के समय 108 की मदद से मरीजों और घटनास्थल से समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता है.
वहीं जीवीके कंपनी के समय देखा गया कि वाहनों की खराब हालत और टायरों के खराब होने आदि समस्याओं के कारण जगह-जगह पर 108 खड़ी दिखाई देती थीं.
कैंप कंपनी के जिला समन्वयक सुनील सिंह रावत ने बताया कि जनपद में 12 नए वाहन खरीद लिए गए हैं वहीं 5 वाहन जीवीके कंपनी से लिए गए हैं. जिन वाहनों की हालत में सुधार करना है उनको जल्दी वर्कशॉप में भेज दिया जाएगा.
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साथ ही जनपद में 17 लोकेशन उनके पास हैं जिसमें 8 लोकेशन के लिए वाहन मौजूद हैं वहीं बचत 9 लोकेशन के लिए भी व्यवस्थाएं की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि 108 सेवा को सुचारू रूप से चलाने के लिए वह पूरे प्रयास कर रहे हैं.