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इस होली हर्बल कलर का लीजिए मजा, हल्द्वानी में महिलाएं बना रहीं इको फ्रेंडली कलर - Women preparing herbal colours

हल्द्वानी में महिला सहायता समूह की महिलाएं इन दिनों हर्बल कलर तैयार कर रही हैं. ये हर्बल कलर बाजार में उपलब्ध हैं. महिलाएं बुरांश के फूल, गेंदा, गुलाब, पालक, हल्दी, चुकंदर, कपूर के अलावा अन्य प्राकृतिक उत्पादों से हर्बल कलर तैयार कर रही हैं.

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Published : Mar 6, 2022, 5:29 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड में होली का सुरूर छाने लगा है. हल्द्वानी में होली का रंग अभी से लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगा है. लोगों की होली कैसे बेहतर और सुरक्षित हो, इसको लेकर उत्तराखंड के हल्द्वानी की महिला सहायता समूह बुरांश के फूल के साथ-साथ कई प्राकृतिक उत्पादों से हर्बल कलर तैयार कर रही है. ताकि लोग केमिकल युक्त कलर से नहीं बल्कि सुरक्षित तरीके हर्बल रंगों से होली खेल सकें.

कैसे बनते हैं हर्बल का कलर: महिला सहायता समूह की महिलाएं मार्बल कलर तैयार करने में जुटीं है. महिलाएं बुरांश के फूल, गेंदा, गुलाब, पालक, हल्दी, चुकंदर, कपूर के अलावा अन्य प्राकृतिक उत्पादों से हर्बल कलर तैयार कर रही हैं. हर्बल कलर की उत्तराखंड के अलावा कई राज्यों में डिमांड हो रही है.

हल्द्वानी में हर्बल कलर तैयार कर रहीं महिलाएं.

पढ़ें- बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट का बड़ा दावा, 'BJP के संपर्क में कांग्रेस के कई जिताऊ प्रत्याशी'

महिला सहायता समूह के अध्यक्ष पुष्पा कांडपाल ने बताया कि कलर बनाने से लेकर पैकिंग तक सारा काम खुद सहायता समूह की महिलाएं करती है. मार्केटिंग का काम भी इन महिलाओं को द्वारा ही किया जा रहा है. बाजारों में हर्बल कलर की खूब डिमांड हो रही है.

पुष्पा कांडपाल के मुताबिक हर्बल कलर की रेट बाजार में बिकने वाले कलर के बराबर रखा गया है, जिससे कि लोग इस हर्बल कलर को खरीद सकें. उन्होंने बताया कि करीब 5 कलर में हर्बल कलर को तैयार किया गया है, जहां 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलो के पैकिंग में तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि हर्बल कलर की मांग उत्तराखंड के बाजारों के साथ-साथ कई अन्य राज्यों के बाजारों में मांग हो रही है, जहां वह डिमांड के अनुसार उपलब्ध करा रहे हैं.

हल्द्वानी: उत्तराखंड में होली का सुरूर छाने लगा है. हल्द्वानी में होली का रंग अभी से लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगा है. लोगों की होली कैसे बेहतर और सुरक्षित हो, इसको लेकर उत्तराखंड के हल्द्वानी की महिला सहायता समूह बुरांश के फूल के साथ-साथ कई प्राकृतिक उत्पादों से हर्बल कलर तैयार कर रही है. ताकि लोग केमिकल युक्त कलर से नहीं बल्कि सुरक्षित तरीके हर्बल रंगों से होली खेल सकें.

कैसे बनते हैं हर्बल का कलर: महिला सहायता समूह की महिलाएं मार्बल कलर तैयार करने में जुटीं है. महिलाएं बुरांश के फूल, गेंदा, गुलाब, पालक, हल्दी, चुकंदर, कपूर के अलावा अन्य प्राकृतिक उत्पादों से हर्बल कलर तैयार कर रही हैं. हर्बल कलर की उत्तराखंड के अलावा कई राज्यों में डिमांड हो रही है.

हल्द्वानी में हर्बल कलर तैयार कर रहीं महिलाएं.

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महिला सहायता समूह के अध्यक्ष पुष्पा कांडपाल ने बताया कि कलर बनाने से लेकर पैकिंग तक सारा काम खुद सहायता समूह की महिलाएं करती है. मार्केटिंग का काम भी इन महिलाओं को द्वारा ही किया जा रहा है. बाजारों में हर्बल कलर की खूब डिमांड हो रही है.

पुष्पा कांडपाल के मुताबिक हर्बल कलर की रेट बाजार में बिकने वाले कलर के बराबर रखा गया है, जिससे कि लोग इस हर्बल कलर को खरीद सकें. उन्होंने बताया कि करीब 5 कलर में हर्बल कलर को तैयार किया गया है, जहां 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलो के पैकिंग में तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि हर्बल कलर की मांग उत्तराखंड के बाजारों के साथ-साथ कई अन्य राज्यों के बाजारों में मांग हो रही है, जहां वह डिमांड के अनुसार उपलब्ध करा रहे हैं.

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