रामनगर: आजादी के समय से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और वन प्रभाग रामनगर में बसे सुंदरखाल गांव की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है. यहां सालों पहले जो खेत फसलों से लहलहाते थे आज वे बंजर पड़े हैं. कड़े वन कानून और जंगली जानवरों की धमक के चलते ग्रामीणों का मोह अब खेती से भंग हो गया है.
बता दें कि रामनगर वन प्रभाग में बसे सुंदरखाल गांव की सीमा कॉर्बेट पार्क से मिलती है. साल 1948 के समय बसे इस गांव में लगभग सौ से अधिक अनुसूचित जनजाति के परिवार निवासरत है. ये लोग रोजगार की तलाश में पहाड़ों से पलायन कर रामनगर आए थे. जहां वन विभाग के कड़े कानून के चलते धीरे-धीरे इनका रोजगार खत्म हो गया. वहीं, अब ग्रामीणों ने खेती से भी मुंह मोड़ लिया है.
पढ़ें-बिना रजिस्ट्रेशन फेरी वालों पर पुलिस की नकेल, 32 के खिलाफ की कार्रवाई
ग्रामीणों का कहना है कि आजीविका के लिए वे खेती करते थे लेकिन जंगली जानवरों की वजह से उन्होंने खेती करना भी छोड़ दिया. जिसके चलते आज उनके खेत बजंर पड़े हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि जंगली जानवरों द्वारा उनकी फसल नष्ट करने वनविभाग द्वारा उन्हें फसल का मुआवजा तक नहीं मिलता. लिहाजा उन्होंने खेती ही छोड़ दी है.
ग्रामीणों का कहना है कि वन्यजीवों के चलते उन्होंने खेती छोड़ी है. जिसके चलते आज उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. महिलाओं की माने तो एक समय में सुन्दरखाल में बहुतअच्छी खेती हुआ करती थी. रोजमर्रा की आवश्यकता का अनाज उन्हें खेतों से ही मिल जाया करता था. लेकिन आज खेती चौपट होने से उन्हें बाज़ार का रुख करना पड़ रहा है.
