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चंदन नयाल की मुहिम से बेजुबानों की बुझ रही प्यास, 'भविष्य' भी बचा रहे 'वाटर हीरो' - वन्यजीवों की प्यास

वैज्ञानिक पहले ही आगाह कर चुके हैं कि आने वाले समय में जल संकट से जूझना पड़ सकता है. इसके बीच नैनीताल के पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल जल संरक्षण के लिए मिसाल बन गए हैं. उनकी जंगलों में चाल खाल बनाने की मुहिम से प्राकृतिक जल स्रोत रिचार्ज हो रहा है. साथ ही वन्यजीवों की प्यास भी बुझ रही है.

Chandan Nayal
पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल
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Published : Oct 10, 2022, 2:27 PM IST

Updated : Oct 10, 2022, 3:26 PM IST

हल्द्वानीः बदलती इंसानी फितरत ने बहुत कुछ बदल दिया है. अपने लालच और स्वार्थ के चलते इंसानों ने अपनी भविष्य की चिंता नहीं की और प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की. जिसका नतीजा ये रहा है कि पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा. अब कुदरत भी बदला ले रहा है. कभी सूखा तो कभी मूसलाधार बारिश. आलम ये है कि अब प्राकृतिक जल स्रोत सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं, लेकिन एक शख्स ऐसे भी हैं. जो पानी की कीमत को समझते हैं और जल स्रोत को पुनर्जीवित करने में जुटे हैं. जी हां, इस शख्स का नाम चंदन सिंह नयाल है. जिन्हें वाटर हीरो के तमगे से भी नवाजा जा चुका है.

दरअसल, नैनीताल जिले के नाई तोक चामा गांव के चंदन सिंह नयाल की जल संरक्षण (Rain Water Conservation) को लेकर मुहिम जारी है. चंदन एक पर्यावरण एवं वन्य जीव प्रेमी हैं. वो जंगलों में बरसात का पानी जमा कर जल स्रोत को रिचार्ज (Natural Water Sources Recharge) करने में अहम योगदान दे रहे हैं. चंदन नयाल ने वर्षा जल को जमा करने के लिए अपने आसपास के जंगलों, बंजर भूमि पर चाल खाल यानी गड्ढे तैयार किए हैं. जिसमें वर्षा जल जमा हो रहा है, जो न केवल वन्यजीवों की प्यास बुझा रहा है बल्कि, जल स्रोत को पुनर्जीवित कर रहा है.

चंदन नयाल की मुहिम से बेजुबानों की बुझ रही प्यास.
ये भी पढ़ेंः वनाग्नि से बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल की मुहिम, जंगल में तैयार किए 3 हजार तालाब

पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल बताते हैं कि चाल खाल में पानी जमा होने से जमीन को काफी फायदा मिलता है. जंगली जानवरों को पानी मुहैया होने के साथ मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसी घटनाओं को रोकने में सहायक होता है. तेज बारिश में पानी पहाड़ों से सीधे उतरकर नदी नालों में जाता है. जिससे जलस्तर बढ़ जाता है, जो आगे जाकर सैलाब का रूप ले लेता है और तबाही मचाता है. ऐसे में चाल खाल का निर्माण किया जाए तो बारिश के पानी को रोककर नदियों में जाने से रोका जा सकता है.

अभी तक चंदन (Water Hero Chandan Nayal) चाल खालों का निर्माण कर प्रकृति और जनमानस के बीच एक सेतु का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने हजारों पेड़ पौधे लगाए हैं, जो पहाड़ों में मृदा अपरदन, भूस्खलन जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में सहायक सिद्ध हो रही है. इनदिनों भारी बारिश से जलस्तर काफी मात्रा में बढ़ गया है, लेकिन बरसात के बाद फिर पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. ऐसे में चाल खाल के विस्तार से जल स्रोत रिचार्ज होने से पानी की चिंता नहीं सताती है.

चंदन नयाल को मिल चुका 'वाटर हीरो' अवार्डः खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण के लिए किए गए चंदन नयाल के इन प्रयासों की सराहना कर चुके हैं. चंदन नयाल को साल 2020 में जल शक्ति मंत्रालय की ओर से 'वाटर हीरो' अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है. चंदन ने पॉलिटेक्निक की पढ़ाई की फिर नौकरी करने के बजाय जल, जंगल, जमीन के संरक्षण से जुड़ गए.
ये भी पढ़ेंः डॉक्टर ने अस्पताल के गंदे पानी को किया ट्रीट, छत पर उगाईं ऑर्गेनिक सब्जियां

हल्द्वानीः बदलती इंसानी फितरत ने बहुत कुछ बदल दिया है. अपने लालच और स्वार्थ के चलते इंसानों ने अपनी भविष्य की चिंता नहीं की और प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की. जिसका नतीजा ये रहा है कि पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा. अब कुदरत भी बदला ले रहा है. कभी सूखा तो कभी मूसलाधार बारिश. आलम ये है कि अब प्राकृतिक जल स्रोत सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं, लेकिन एक शख्स ऐसे भी हैं. जो पानी की कीमत को समझते हैं और जल स्रोत को पुनर्जीवित करने में जुटे हैं. जी हां, इस शख्स का नाम चंदन सिंह नयाल है. जिन्हें वाटर हीरो के तमगे से भी नवाजा जा चुका है.

दरअसल, नैनीताल जिले के नाई तोक चामा गांव के चंदन सिंह नयाल की जल संरक्षण (Rain Water Conservation) को लेकर मुहिम जारी है. चंदन एक पर्यावरण एवं वन्य जीव प्रेमी हैं. वो जंगलों में बरसात का पानी जमा कर जल स्रोत को रिचार्ज (Natural Water Sources Recharge) करने में अहम योगदान दे रहे हैं. चंदन नयाल ने वर्षा जल को जमा करने के लिए अपने आसपास के जंगलों, बंजर भूमि पर चाल खाल यानी गड्ढे तैयार किए हैं. जिसमें वर्षा जल जमा हो रहा है, जो न केवल वन्यजीवों की प्यास बुझा रहा है बल्कि, जल स्रोत को पुनर्जीवित कर रहा है.

चंदन नयाल की मुहिम से बेजुबानों की बुझ रही प्यास.
ये भी पढ़ेंः वनाग्नि से बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल की मुहिम, जंगल में तैयार किए 3 हजार तालाब

पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल बताते हैं कि चाल खाल में पानी जमा होने से जमीन को काफी फायदा मिलता है. जंगली जानवरों को पानी मुहैया होने के साथ मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसी घटनाओं को रोकने में सहायक होता है. तेज बारिश में पानी पहाड़ों से सीधे उतरकर नदी नालों में जाता है. जिससे जलस्तर बढ़ जाता है, जो आगे जाकर सैलाब का रूप ले लेता है और तबाही मचाता है. ऐसे में चाल खाल का निर्माण किया जाए तो बारिश के पानी को रोककर नदियों में जाने से रोका जा सकता है.

अभी तक चंदन (Water Hero Chandan Nayal) चाल खालों का निर्माण कर प्रकृति और जनमानस के बीच एक सेतु का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने हजारों पेड़ पौधे लगाए हैं, जो पहाड़ों में मृदा अपरदन, भूस्खलन जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में सहायक सिद्ध हो रही है. इनदिनों भारी बारिश से जलस्तर काफी मात्रा में बढ़ गया है, लेकिन बरसात के बाद फिर पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. ऐसे में चाल खाल के विस्तार से जल स्रोत रिचार्ज होने से पानी की चिंता नहीं सताती है.

चंदन नयाल को मिल चुका 'वाटर हीरो' अवार्डः खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण के लिए किए गए चंदन नयाल के इन प्रयासों की सराहना कर चुके हैं. चंदन नयाल को साल 2020 में जल शक्ति मंत्रालय की ओर से 'वाटर हीरो' अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है. चंदन ने पॉलिटेक्निक की पढ़ाई की फिर नौकरी करने के बजाय जल, जंगल, जमीन के संरक्षण से जुड़ गए.
ये भी पढ़ेंः डॉक्टर ने अस्पताल के गंदे पानी को किया ट्रीट, छत पर उगाईं ऑर्गेनिक सब्जियां

Last Updated : Oct 10, 2022, 3:26 PM IST
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