हल्द्वानी: उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार चार मार्च को गैरसैंण में अपना चौथा बजट पेश करने जा रही है. इस बजट से प्रदेशवासियों को काफी उम्मीदे हैं. त्रिवेंद्र सरकार के चौथे बजट से प्रदेश की जनता क्या चाहती है इस को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने लोगों की राय जानी.
बजट को लेकर राज्य आंदोलनकारी और व्यापारी नेता हुकुम सिंह कुंवर ने कहा कि केंद्र के बजट से उत्तराखंड के लोगों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन उससे निराशा हाथ लगी है. ऐसे में लोगों को अब प्रदेश सरकार के बजट से उम्मीदें हैं. उत्तराखंड में लगातार पलायन हो रहे हैं. आयोग बनाने के बाद भी पलायन पर रोक नहीं लग पाई है. प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है. व्यापारी वर्ग परेशान है, लेकिन सरकार इस ओर कोई ठोस कदम नहीं रही है. ऐसे में सरकार को चाहिए वे इस बजट में पलायन और बेरोजगारी पर विशेष ध्यान दें.
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बहुजन समाज पार्टी के नेता पृथ्वी पाल सिंह रावत की मानें तो उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश कहा जाता है, लेकिन यहां बिजली महंगी हो रही है, जमीनों का सर्किल रेट बढ़ाया गया है. प्रदेश सरकार महंगाई कम करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है. उत्तराखंड सरकार को भी दिल्ली सरकार की तरह बिजली और पानी मुफ्त में देना चाहिए. जिससे लोगों को मंहगाई से छुटाकार मिल सके.
व्यापारी नेता बलदेव सिंह का कहना है कि व्यापारी वर्ग पहले से ही जीएसटी और ई वे बिल को लेकर परेशान है. व्यापारियों को लगातार घाटा उठाना पड़ रहा है, लेकिन सरकार ई वे बिल और जीएसटी को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. ऐसे में कई व्यापारी आत्महत्या करने के कगार पर पहुंच चुके हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि व्यापारियों को प्रतिवर्ष 50000 रुपए की आर्थिक मदद दे. जिससे की व्यापारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके.