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हल्द्वानी जेल में कैदी की मौत का मामला, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार से मांग जवाब - हल्द्वानी जेल में कैदी की मौत

नैनीताल जिले की हल्द्वानी जेल में हुई कैदी की मौत का मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट में पहुंच गया है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा है. मृतक की बेटी ने कोर्ट ने बताया कि पोस्टमॉर्टम में उनके पिता की पांच पसलियां टूटी पाई गई.

Uttarakhand High Court
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Published : Aug 26, 2022, 5:18 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने हल्द्वानी जेल में कैदी की मौत (death of prisoner in Haldwani Jail) के मामले पर सुनवाई की . मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमुर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने सरकार से मंगलवार तक जवाब पेश करने को कहा (Court seeks response from government) है. कोर्ट ने सरकार से यह भी बताने को कहा है कि इस केस की मजिस्ट्रेट से कराई गई या नही? मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार मृतक की बेटी गुलनाज परवीन ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनके पिता को काशीपुर कोर्ट द्वारा आईपीसी की धारा 138 में सजा हुई थी और उन्हें हल्द्वानी जेल में बंद किया गया. परन्तु सजा के दस बारह दिन के बाद उनकी जेल में ही मौत हो गयी थी.
पढ़ें- IIT रुड़की में नॉन वेज परोसे जाने का विरोध, हॉस्टल के छात्रों ने खाली प्लेट लेकर किया प्रदर्शन

बेटी के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी पांच पसलियों टूटी पाई गई. पुलिस ने 22 दिन बाद मुकदमा दर्ज किया. याचिका में कहा गया है कि इस मामले की मजिस्ट्रेट से जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाय. साथ ही उन्हें एक करोड़ रुपया मुआवजा दिलाया जाय.

हल्द्वानी: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने हल्द्वानी जेल में कैदी की मौत (death of prisoner in Haldwani Jail) के मामले पर सुनवाई की . मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमुर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने सरकार से मंगलवार तक जवाब पेश करने को कहा (Court seeks response from government) है. कोर्ट ने सरकार से यह भी बताने को कहा है कि इस केस की मजिस्ट्रेट से कराई गई या नही? मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार मृतक की बेटी गुलनाज परवीन ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनके पिता को काशीपुर कोर्ट द्वारा आईपीसी की धारा 138 में सजा हुई थी और उन्हें हल्द्वानी जेल में बंद किया गया. परन्तु सजा के दस बारह दिन के बाद उनकी जेल में ही मौत हो गयी थी.
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बेटी के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी पांच पसलियों टूटी पाई गई. पुलिस ने 22 दिन बाद मुकदमा दर्ज किया. याचिका में कहा गया है कि इस मामले की मजिस्ट्रेट से जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाय. साथ ही उन्हें एक करोड़ रुपया मुआवजा दिलाया जाय.

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