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नैनीताल का बलियानाला भूस्खलन मामलाः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने डीएम से मांगी 10 दिन में रिपोर्ट

Baliyanala landslide बलियानाला भूस्खलन मामले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने डीएम से 10 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने डीएम को आदेश देते हुए रिपोर्ट में मांगा है कि ट्रीटमेंट के लिए उनके द्वारा अब तक क्या-क्या कार्य किया गया है?

Hearing on Baliyanala landslide case
बलियानाला भूस्खलन मामले पर सुनवाई
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 18, 2023, 4:28 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को नैनीताल का आधार कहे जाने वाले बलियानाला में हो रहे भूस्खलन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जिलाधिकारी नैनीताल से भूस्खलन क्षेत्र की वर्तमान स्थिति के साथ ट्रीटमेंट के लिए उनके द्वारा अब तक क्या-क्या कार्य किया गया है, इसकी 10 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

मामले के तहत, पूर्व के आदेश पर जिला प्रशासन ने रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की है, जिसको लेकर सोमवार को सरकार की तरफ से रिपोर्ट पेश करने के लिए समय की मांग की गई. इसपर कोर्ट ने उन्हें दस दिन का और समय दिया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि सरकार इस मामले में लापरवाही कर रही है. अभी तक जिला प्रशासन ने रिपोर्ट पेश नहीं की. भूस्खलन क्षेत्र का अभी तक कई बार मंत्रियों, अधिकारियों ने निरीक्षण किया. परंतु भू-धंसाव को रोकने का कोई उपाय नहीं किया.

ये भी पढ़ेंः बलियानाला भूस्खलन मामला: आपदा सचिव ने HC में पेश किया शपथ पत्र, याचिकाकर्ता ने जताई आपत्ति

मामले के मुताबिक, नैनीताल निवासी अधिवक्ता सैय्यद नदीम मून ने 2018 में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नैनीताल का आधार कहे जाने वाले बलियानाला में हो रहे भूस्खलन से नैनीताल व इसके आसपास रह रहे लोगों को बड़ा खतरा हो सकता है. नैनीताल के अस्तित्व और लोगों को बचाने के लिए इस भूस्खलन को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय किया जाए, ताकि क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोका जा सके.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को नैनीताल का आधार कहे जाने वाले बलियानाला में हो रहे भूस्खलन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जिलाधिकारी नैनीताल से भूस्खलन क्षेत्र की वर्तमान स्थिति के साथ ट्रीटमेंट के लिए उनके द्वारा अब तक क्या-क्या कार्य किया गया है, इसकी 10 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

मामले के तहत, पूर्व के आदेश पर जिला प्रशासन ने रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की है, जिसको लेकर सोमवार को सरकार की तरफ से रिपोर्ट पेश करने के लिए समय की मांग की गई. इसपर कोर्ट ने उन्हें दस दिन का और समय दिया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि सरकार इस मामले में लापरवाही कर रही है. अभी तक जिला प्रशासन ने रिपोर्ट पेश नहीं की. भूस्खलन क्षेत्र का अभी तक कई बार मंत्रियों, अधिकारियों ने निरीक्षण किया. परंतु भू-धंसाव को रोकने का कोई उपाय नहीं किया.

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मामले के मुताबिक, नैनीताल निवासी अधिवक्ता सैय्यद नदीम मून ने 2018 में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नैनीताल का आधार कहे जाने वाले बलियानाला में हो रहे भूस्खलन से नैनीताल व इसके आसपास रह रहे लोगों को बड़ा खतरा हो सकता है. नैनीताल के अस्तित्व और लोगों को बचाने के लिए इस भूस्खलन को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय किया जाए, ताकि क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोका जा सके.

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