हल्द्वानी: कोरोना महामारी (corona pandemic) ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है. ऐसे में जिन बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है, ऐसे बच्चों के सुरक्षित भविष्य को लेकर उत्तराखंड बाल आयोग (Uttarakhand Child Commission) गंभीर है. उत्तराखंड बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी (Usha Negi chairperson) ने जिलाधिकारियों को ऐसे बच्चों की सूची तैयार करने के निर्देश दिये हैं जो इस महामारी काल में अनाथ (Orphan) हो चुके हैं.
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दरअसल, कोरोना महामारी में कई परिवार उजड़ गये ऐसे में कई बच्चे अनाथ हो गये. ऐसे ही बच्चों के सुरक्षित भविष्य को लेकर उत्तराखंड बाल आयोग गंभीर नजर आ रहा है. उत्तराखंड बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने जिलाधिकारियों को ऐसे बच्चों की सूची तैयार करने के निर्देश दिये हैं जो इस महामारी काल में अनाथ हो चुके हैं. ताकि बच्चों के भविष्य को लेकर कार्य योजना बनाई जा सके. उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक उत्तराखंड बाल आयोग के पास कोई भी आधिकारिक सूची उपलब्ध नहीं हो पाई है. लेकिन उन्हें व्यक्तिगत और सोशल मीडिया और फोन के माध्यम से 139 बच्चों की जानकारी प्राप्त हुई है.
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वहीं, उत्तराखंड बाल आयोग की अध्यक्ष ने जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर तुरंत सूची तैयार कर आयोग को भेजने को कहा है. जिससे इसका सही तरह से सत्यापन हो सके. उन्होंने कहा कि इन बच्चों के भविष्य को लेकर मुख्यमंत्री और सरकार गंभीर हैं, क्योंकि इन बच्चों ने असमय अपने माता-पिता को खो दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इन बच्चों की आर्थिक सहायता के लिए योजना चला रही है. जबकि राज्य सरकार इन बच्चों के लालन-पालन और शिक्षा को लेकर भी गंभीर है. उन्होंने कहा कि इन बच्चों के भरण-पोषण के लिए प्रदेश सरकार प्रति महीना 3000 रुपये देने जा रही है. इसके अलावा ये बच्चे मानव तस्करी (human trafficking) के चंगुल में ना फंसें इसको लेकर DGP को भी पत्र लिखा गया है.
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बता दें कि आयोग के पास ऐसे बच्चों की आधिकारिक सूची आनी बाकी है. अधिकारिक सूची आने के बाद आयोग जल्द कार्रवाई अमल में लाएगा.