हल्द्वानी: करीब डढे महीने तक धरने पर बैठने के बाद 15 दिन पहले ही सरकार से आश्वासन मिलने के बाद अपने काम पर लौटे उपनल कर्मियों ने एक बार फिर विरोध प्रदर्शन शुरू किया. सुशीला तिवारी अस्पताल में तैनान उपनल कर्मियों ने इस बार वेतन सहित अस्पताल में रहने और खाने की व्यवस्था को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया.
सुशीला तिवारी अस्पताल प्रशासन और अस्पताल में कार्यरत उपनल कर्मचारियों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर करीब डेढ़ महीने तक धरने पर बैठने के बाद जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन से वार्ता करने के बाद उपनल कर्मचारी कोरोना संकट में काम पर लौट गए थे. लेकिन सोमवार से 15 दिनों बाद ही उन्होंने अपना धरना-प्रदर्शन दोबारा से शुरू कर दिया है. इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल है.
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उपनल कर्मचारियों का कहना है कि हड़ताल खत्म करने के दौरान अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि उनको समय पर वेतन मिल जाएगा. इसके अलावा कोविड के मरीजों को देखने वाले कर्मचारियों के लिए अस्पताल और होटल में रहने की व्यवस्था के साथ-साथ खाने पीने की व्यवस्था दी जाएगी.
लेकिन 15 दिन बाद भी उपनल कर्मचारी अपनी और अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं. उन्हें रहने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. मजबूरी में वे घर जा रहे थे, जिससे उन्हें परिवार में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है.
इसके अलावा जो कर्मचारी किराए के मकान में रह रहे है, उन्हें मकान मालिक अंदर नहीं आने दे रहे है. ऐसे में अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि उनका वेतन और कर्मचारियों को रहने खाने की व्यवस्था अस्पताल या होटल में की जाए. उपनल कर्मचारियों ने अस्पताल प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इस बारे में सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य चंद्रप्रकाश भैसोड़ा का कहना है कि कर्मचारियों से वार्ता कर ली गई है. कर्मचारियों की समस्याओं का जल्द निदान कर लिया जाएगा.