हल्द्वानी: उत्तराखंड के जंगलों में छिपे 'वीरप्पनों' की कमर तोड़ने के लिए तमिलनाडु एसटीएफ के जवान जे सुरेश अगले हफ्ते हल्द्वानी आ रहे हैं. वे हल्द्वानी वन प्रभाग के पांच वन रेंजों के कर्मियों को वनों की सुरक्षा, वन तस्करों से निपटने के लिए हथियार चलाने व वनों में विपरीत परिस्थितियों में किस तरह से रहकर वनों की सुरक्षा की जाती है इसकी ट्रेनिंग देंगे.
हल्द्वानी वन प्रभाग के डीएफओ कुंदन कुमार ने बताया कि तमिलनाडु की तर्ज पर अब हल्द्वानी वन प्रभाग के वनों की भी सुरक्षा की जाएगी. तमिलनाडु एसटीएफ के अधिकारी जे सुरेश अगले सप्ताह हल्द्वानी वन प्रभाग के नंधौर टाइगर रिजर्व सहित पांच वन रेंजों के करीब 50 वन आरक्षी, वन दरोगा और डिप्टी रेंजर को चार दिवसीय प्रशिक्षण देंगे.
प्रशिक्षण के माध्यम से जंगलों में वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ वनों की बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी रोकने व वन तस्करों से मुठभेड़ के दौरान हथियार चलाने, विपरीत परिस्थितियों में जंगल के अंदर घात लगाकर वन तस्करों से कैसे निपटा जाए इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी.
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जे सुरेश से पहले भी राजा जी नेशनल टाइगर रिजर्व के कर्मियों को प्रशिक्षण दे चुके हैं. जे सुरेश का उत्तराखंड में वन कर्मियों का पहला प्रशिक्षण होगा. उन्होंने बताया कि जे सुरेश की ट्रेनिंग से वन कर्मियों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा. बता दें कि जे सुरेश 2004 में तमिलनाडु के कुख्यात वन तस्कर वीरप्पन को मार गिराने वाली टीम में शामिल थे. उनको तमिलनाडु पुलिस का गैलेंट्री और प्रेसिडेंशियल अवार्ड भी मिल चुका है.