ETV Bharat / state

गन्ना किसानों ने की बकाया भुगतान की मांग, पड़ रहा आर्थिकी पर असर

गणेश उपाध्याय ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सत्र में गन्ना भुगतान का 570 करोड़ रुपए बकाया है. लेकिन, सरकार भी भुगतान नहीं करा पा रही है.

Sugarcane farmers
गन्ना किसानों का 778 करोड़ भुगतान बकाया
author img

By

Published : Jul 15, 2020, 4:07 PM IST

Updated : Jul 15, 2020, 7:18 PM IST

हल्द्वानी: कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता गणेश उपाध्याय ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सत्र में गन्ना भुगतान का 570 करोड़ रुपए बकाया है. जबकि, पिछले कई सालों का 208 करोड़ रुपए का भी भुगतान नहीं किया जा सकता है.

गन्ना किसानों ने की बकाया भुगतान की मांग.

गणेश उपाध्याय के मुताबिक वर्ष 2008 से लेकर 2012 के बीच काशीपुर चीनी मिल के ऊपर करीब 25 करोड़ रुपए का बकाया है. जिसका सरकार आज तक भुगतान नहीं कर पाई है. जिसकी वजह से काशीपुर चीनी मिल बंद हो चुकी है. उसके बावजूद भी किसानों का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है. वहीं, हरिद्वार के इकबालपुर चीनी मिल का वर्ष 2017-18-19 का 173 करोड़ भुगतान अभी भी बकाया है.

किस मिल पर कितना बकाया

बाजपुर चीनी मिल पर 56 करोड़, नादेही चीनी मिल पर 39 करोड़, किच्छा शुगर मिल पर 60 करोड़, डोईवाला चीनी मिल पर 50 करोड़ का बकाया है. जबकि तीन निजी चीनी मिल लिवर रेडी हरिद्वार चीनी मिल पर 115 करोड़, इकबालपुर चीनी मिल पर 63 करोड़ और लक्सर चीनी मिल पर 187 करोड़ रुपए का बकाया है.

ये भी पढ़ें: 'ब्लैक गोल्ड' की बढ़ रही 'चमक', जानिए कैसे तय होती हैं तेल की कीमतें

गणेश उपाध्याय ने सरकार से मांग की है कि किसानों के पैसे का भुगतान में हो रही देरी पर सरकार को उसका ब्याज देना चाहिए. ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत किया जा सके. गणेश उपाध्याय की मुताबिक जिस तरह से सरकार के ऊपर किसानों का पैसा बकाया है, उसे देखते हुए 18 करोड़ रुपए ब्याज के तौर पर दिया जाना चाहिए. जिस तरह से किसानों से बैंक ऋण के ब्याज लेती है. उसी तरह प्रदेश सरकार किसानों के बकाया राशि पर भी ब्याज दे. साथ ही किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान जल्द करें. जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत की जा सके.

हल्द्वानी: कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता गणेश उपाध्याय ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सत्र में गन्ना भुगतान का 570 करोड़ रुपए बकाया है. जबकि, पिछले कई सालों का 208 करोड़ रुपए का भी भुगतान नहीं किया जा सकता है.

गन्ना किसानों ने की बकाया भुगतान की मांग.

गणेश उपाध्याय के मुताबिक वर्ष 2008 से लेकर 2012 के बीच काशीपुर चीनी मिल के ऊपर करीब 25 करोड़ रुपए का बकाया है. जिसका सरकार आज तक भुगतान नहीं कर पाई है. जिसकी वजह से काशीपुर चीनी मिल बंद हो चुकी है. उसके बावजूद भी किसानों का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है. वहीं, हरिद्वार के इकबालपुर चीनी मिल का वर्ष 2017-18-19 का 173 करोड़ भुगतान अभी भी बकाया है.

किस मिल पर कितना बकाया

बाजपुर चीनी मिल पर 56 करोड़, नादेही चीनी मिल पर 39 करोड़, किच्छा शुगर मिल पर 60 करोड़, डोईवाला चीनी मिल पर 50 करोड़ का बकाया है. जबकि तीन निजी चीनी मिल लिवर रेडी हरिद्वार चीनी मिल पर 115 करोड़, इकबालपुर चीनी मिल पर 63 करोड़ और लक्सर चीनी मिल पर 187 करोड़ रुपए का बकाया है.

ये भी पढ़ें: 'ब्लैक गोल्ड' की बढ़ रही 'चमक', जानिए कैसे तय होती हैं तेल की कीमतें

गणेश उपाध्याय ने सरकार से मांग की है कि किसानों के पैसे का भुगतान में हो रही देरी पर सरकार को उसका ब्याज देना चाहिए. ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत किया जा सके. गणेश उपाध्याय की मुताबिक जिस तरह से सरकार के ऊपर किसानों का पैसा बकाया है, उसे देखते हुए 18 करोड़ रुपए ब्याज के तौर पर दिया जाना चाहिए. जिस तरह से किसानों से बैंक ऋण के ब्याज लेती है. उसी तरह प्रदेश सरकार किसानों के बकाया राशि पर भी ब्याज दे. साथ ही किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान जल्द करें. जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत की जा सके.

Last Updated : Jul 15, 2020, 7:18 PM IST

For All Latest Updates

TAGGED:

haldwani
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.