ETV Bharat / state

चारधाम देवस्थानम एक्ट के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे सुब्रमण्यम स्वामी, निरस्त करने की मांग

author img

By

Published : Feb 24, 2020, 10:27 PM IST

सुब्रमण्यम स्वामी ने चारधाम देवस्थानम एक्ट को असंवैधानिक और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताते हुए निरस्त करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है.

nainital high court news
हाई कोर्ट

नैनीताल: चारधाम देवस्थानम एक्ट को लेकर चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को चारधाम देवस्थानम एक्ट को बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चुनौती दी है. स्वामी ने चारधाम देवस्थानम एक्ट के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी.

बता दें कि उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम को देवस्थानम एक्ट के अंतर्गत शामिल कर दिया. इसके साथ ही प्रदेश के करीब 50 से ज्यादा मंदिरों को देवस्थानम एक्ट में शामिल किया गया है. चारों धामों के तीर्थ पुरोहित इस एक्ट का जमकर विरोध कर रहे हैं. हाल ही में तीर्थ पुरोहितों ने दिल्ली में सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मसले पर मुलाकात की थी. तब स्वामी से इस एक्ट को रद्द करने की के लिए मांग की थी. अब इस एक्ट को रद्द करने के लिए सुब्रमण्यम स्वामी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है.

पढ़ें- जलीय जीवों की गणना का काम पूरा, पहली बार तीन जलीय जीवों के जुटाए आंकड़े

सोमवार को स्वामी ने कहा कि मंदिरों को सरकार के अधीन करना गलत है चाहे कोई भी सरकार हो मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में नहीं किया जा सकता है.

बता दें कि चारधाम देवस्थानम एक्ट को लेकर तीर्थ पुरोहित और हक हकूक धारी राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे है. चारों धामों की प्रदेश और प्रदेश के बाहर करोड़ों की परिसंपत्तियों हैं. अभी तक गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की पूजा व्यवस्था और प्रबंधन अलग-अलग समिति करती है.

बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की पूजा और मंदिर प्रबंधन की व्यवस्था बीकेटीसी यानी बदरी केदार मंदिर समिति द्वारा संचालित की जाती थी. लेकिन इस एक्ट के अस्तित्व में आने के बाद बीकेटीसी का अस्तित्व स्वत ही खत्म हो जाएगा. तीर्थ पुरोहितों को आशंका है कि सरकार चारों धामों को अपने नियंत्रण में लेकर मंदिर के आस पास दुकानों के आवंटन में तीर्थ पुरोहितों को दरकिनार करेगी.

नैनीताल: चारधाम देवस्थानम एक्ट को लेकर चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को चारधाम देवस्थानम एक्ट को बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चुनौती दी है. स्वामी ने चारधाम देवस्थानम एक्ट के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी.

बता दें कि उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम को देवस्थानम एक्ट के अंतर्गत शामिल कर दिया. इसके साथ ही प्रदेश के करीब 50 से ज्यादा मंदिरों को देवस्थानम एक्ट में शामिल किया गया है. चारों धामों के तीर्थ पुरोहित इस एक्ट का जमकर विरोध कर रहे हैं. हाल ही में तीर्थ पुरोहितों ने दिल्ली में सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मसले पर मुलाकात की थी. तब स्वामी से इस एक्ट को रद्द करने की के लिए मांग की थी. अब इस एक्ट को रद्द करने के लिए सुब्रमण्यम स्वामी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है.

पढ़ें- जलीय जीवों की गणना का काम पूरा, पहली बार तीन जलीय जीवों के जुटाए आंकड़े

सोमवार को स्वामी ने कहा कि मंदिरों को सरकार के अधीन करना गलत है चाहे कोई भी सरकार हो मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में नहीं किया जा सकता है.

बता दें कि चारधाम देवस्थानम एक्ट को लेकर तीर्थ पुरोहित और हक हकूक धारी राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे है. चारों धामों की प्रदेश और प्रदेश के बाहर करोड़ों की परिसंपत्तियों हैं. अभी तक गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की पूजा व्यवस्था और प्रबंधन अलग-अलग समिति करती है.

बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की पूजा और मंदिर प्रबंधन की व्यवस्था बीकेटीसी यानी बदरी केदार मंदिर समिति द्वारा संचालित की जाती थी. लेकिन इस एक्ट के अस्तित्व में आने के बाद बीकेटीसी का अस्तित्व स्वत ही खत्म हो जाएगा. तीर्थ पुरोहितों को आशंका है कि सरकार चारों धामों को अपने नियंत्रण में लेकर मंदिर के आस पास दुकानों के आवंटन में तीर्थ पुरोहितों को दरकिनार करेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.