हल्द्वानी: जिला प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में नैनीताल जिले के करीब 20 स्टोन क्रेशर 8 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे. इस हड़ताल के नौवें दिन कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला और स्टोन क्रेशर स्वामियों के बीच बैठक हुई, जिसके बाद स्टोन क्रेशर स्वामियों ने हड़ताल को खत्म कर दिया है. स्टोन क्रेशर संचालकों की हड़ताल से रोजाना 2 करोड़ के रेता बजरी का कारोबार प्रभावित हो रहा था.
जिला प्रशासन द्वारा स्टोन क्रेशर के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही थी, जिसके विरोध में स्टोन क्रेशर एसोसिएशन के नेतृत्व में 20 स्टोन क्रेशर हड़ताल पर चले गए थे. इसके बाद जिले में रेता बजरी का संकट गहरा गया था. स्टोन क्रेशर स्वामियों और प्रशासन के बीच बैठक के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पाया. इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला और स्टोन क्रेशर स्वामियों के बीच वार्ता हुई. कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला ने जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए स्टोन क्रेशरो पर की गई कार्रवाई को उचित जांच कर निपटाए जाने की बात कही, जिसके बाद स्टोन क्रेशर स्वामी ने हड़ताल को समाप्त कर दिया है.
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स्टोन क्रेशर संचालकों के हड़ताल पर चले जाने से सरकार को खासा राजस्व का नुकसान हुआ था. स्टोन क्रेशरों के हड़ताल समाप्त हो जाने के बाद रेता बजरी कारोबारियों में थोड़ी खुशी का माहौल है. कुमाऊं में रेता बजरी का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है. 9 दिनों की हड़ताल के चलते कुमाऊं से होने वाले रेता बजरी की सप्लाई पूरी तरह ठप हो चुकी थी. ऐसे में मकान बनाने के लिए लोगों को रेता बजरी नहीं मिल पा रहा था, जबकि हड़ताल पर जाने से रोजाना 2 करोड़ के रेता बजरी का कारोबार प्रभावित हो रहा था.