हल्द्वानीः उत्तराखंड को सैनिकों का प्रदेश कहा जाता है. यहां के सैनिकों का देश सेवा के साथ-साथ लोकतंत्र के इस बड़े पर्व में भी बड़ा योगदान रहता है. यहां के सैनिक अपने मताधिकार से किसी भी पार्टी को सत्ता से बाहर कर सकते हैं. लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में यहां के सैनिकों की भूमिका काफी अहम है. चुनाव के समय सारी पार्टियां जानती है कि सैनिक वोटर उनके गणित को बिगाड़ सकते हैं. इसलिए तमाम पार्टियां उन्हें साधने में लगी हुई हैं.
बात नैनीताल लोकसभा सीट की करें, तो इस संसदीय सीट से नैनीताल जिले में 5047 सैनिक और अर्धसैनिक बल के मतदाता हैं, जबकि 8,500 नए युवा मतदाता हैं. साथ ही 84 ऐसे मतदाता हैं जिनकी उम्र 100 वर्ष से अधिक है जो किसी भी प्रत्याशी को बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं.
उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि नैनीताल जिले में साढ़े सात लाख से अधिक मतदाता हैं. अभी भी मतदाता बनाने की प्रक्रिया चल रहा है. जिसमें 5,047 सैनिक और अर्धसैनिक बल के जवान हैं जो देश के अन्य जगह पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
इस बार इन सैनिकों के मतदान के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. जिला निर्वाचन विभाग द्वारा इन सैनिक मतदाताओं को एक लिंक भेजा जाएगा. सैनिक मतदाता इस लिंक के माध्यम से मतपत्र को डाउनलोड कर अपने मताधिकार का प्रयोग कर डाक द्वारा जिला निर्वाचन विभाग को भेजेंगे, जो मतदान के दिन खोला जाएगा. वह इस बार युवा मतदाताओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है.
जिले में करीब 8,500 युवा मतदाता पहली बार लोकसभा में मतदान करेंगे, जबकि 84 मतदाता ऐसे हैं जिनकी आयु सीमा 100 वर्ष से अधिक हो चुकी है. उन्होंने बताया कि जिले में अभी भी मतदाता बनाने की प्रक्रिया चल रहा है. जिले में 394 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. मतदान निष्पक्ष, पारदर्शिता और शांतिपूर्ण हो, इसके लिए नैनीताल जनपद को 31 जोन और 83 सेक्टर में बांटा गया है.