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सैनिक और युवा मतदाता बिगाड़ सकते हैं प्रत्याशियों का गणित, नैनीताल सीट पर सैनिक वोटरों की रहेगी निर्णायक भूमिका

नैनीताल लोकसभा सीट पर सैनिकों की अहम भूमिका है. तमाम पार्टियां उन्हें साधने में लगी हुई हैं. इस बार युवा मतदाताओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है.

सैनिक और युवा मतदाता
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Published : Mar 17, 2019, 1:56 PM IST

हल्द्वानीः उत्तराखंड को सैनिकों का प्रदेश कहा जाता है. यहां के सैनिकों का देश सेवा के साथ-साथ लोकतंत्र के इस बड़े पर्व में भी बड़ा योगदान रहता है. यहां के सैनिक अपने मताधिकार से किसी भी पार्टी को सत्ता से बाहर कर सकते हैं. लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में यहां के सैनिकों की भूमिका काफी अहम है. चुनाव के समय सारी पार्टियां जानती है कि सैनिक वोटर उनके गणित को बिगाड़ सकते हैं. इसलिए तमाम पार्टियां उन्हें साधने में लगी हुई हैं.

बात नैनीताल लोकसभा सीट की करें, तो इस संसदीय सीट से नैनीताल जिले में 5047 सैनिक और अर्धसैनिक बल के मतदाता हैं, जबकि 8,500 नए युवा मतदाता हैं. साथ ही 84 ऐसे मतदाता हैं जिनकी उम्र 100 वर्ष से अधिक है जो किसी भी प्रत्याशी को बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं.

उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि नैनीताल जिले में साढ़े सात लाख से अधिक मतदाता हैं. अभी भी मतदाता बनाने की प्रक्रिया चल रहा है. जिसमें 5,047 सैनिक और अर्धसैनिक बल के जवान हैं जो देश के अन्य जगह पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

इस बार इन सैनिकों के मतदान के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. जिला निर्वाचन विभाग द्वारा इन सैनिक मतदाताओं को एक लिंक भेजा जाएगा. सैनिक मतदाता इस लिंक के माध्यम से मतपत्र को डाउनलोड कर अपने मताधिकार का प्रयोग कर डाक द्वारा जिला निर्वाचन विभाग को भेजेंगे, जो मतदान के दिन खोला जाएगा. वह इस बार युवा मतदाताओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है.

नैनीताल लोकसभा सीट पर सैनिकों की निर्णायक भूमिका है

जिले में करीब 8,500 युवा मतदाता पहली बार लोकसभा में मतदान करेंगे, जबकि 84 मतदाता ऐसे हैं जिनकी आयु सीमा 100 वर्ष से अधिक हो चुकी है. उन्होंने बताया कि जिले में अभी भी मतदाता बनाने की प्रक्रिया चल रहा है. जिले में 394 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. मतदान निष्पक्ष, पारदर्शिता और शांतिपूर्ण हो, इसके लिए नैनीताल जनपद को 31 जोन और 83 सेक्टर में बांटा गया है.

हल्द्वानीः उत्तराखंड को सैनिकों का प्रदेश कहा जाता है. यहां के सैनिकों का देश सेवा के साथ-साथ लोकतंत्र के इस बड़े पर्व में भी बड़ा योगदान रहता है. यहां के सैनिक अपने मताधिकार से किसी भी पार्टी को सत्ता से बाहर कर सकते हैं. लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में यहां के सैनिकों की भूमिका काफी अहम है. चुनाव के समय सारी पार्टियां जानती है कि सैनिक वोटर उनके गणित को बिगाड़ सकते हैं. इसलिए तमाम पार्टियां उन्हें साधने में लगी हुई हैं.

बात नैनीताल लोकसभा सीट की करें, तो इस संसदीय सीट से नैनीताल जिले में 5047 सैनिक और अर्धसैनिक बल के मतदाता हैं, जबकि 8,500 नए युवा मतदाता हैं. साथ ही 84 ऐसे मतदाता हैं जिनकी उम्र 100 वर्ष से अधिक है जो किसी भी प्रत्याशी को बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं.

उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि नैनीताल जिले में साढ़े सात लाख से अधिक मतदाता हैं. अभी भी मतदाता बनाने की प्रक्रिया चल रहा है. जिसमें 5,047 सैनिक और अर्धसैनिक बल के जवान हैं जो देश के अन्य जगह पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

इस बार इन सैनिकों के मतदान के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. जिला निर्वाचन विभाग द्वारा इन सैनिक मतदाताओं को एक लिंक भेजा जाएगा. सैनिक मतदाता इस लिंक के माध्यम से मतपत्र को डाउनलोड कर अपने मताधिकार का प्रयोग कर डाक द्वारा जिला निर्वाचन विभाग को भेजेंगे, जो मतदान के दिन खोला जाएगा. वह इस बार युवा मतदाताओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है.

नैनीताल लोकसभा सीट पर सैनिकों की निर्णायक भूमिका है

जिले में करीब 8,500 युवा मतदाता पहली बार लोकसभा में मतदान करेंगे, जबकि 84 मतदाता ऐसे हैं जिनकी आयु सीमा 100 वर्ष से अधिक हो चुकी है. उन्होंने बताया कि जिले में अभी भी मतदाता बनाने की प्रक्रिया चल रहा है. जिले में 394 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. मतदान निष्पक्ष, पारदर्शिता और शांतिपूर्ण हो, इसके लिए नैनीताल जनपद को 31 जोन और 83 सेक्टर में बांटा गया है.

Intro:सलग- सैनिक और युवा मतदाता नैनीताल जिले के प्रत्याशियों के बिगाड़ सकते हैं खेल।
रिपोर्टर -भावनाथ पंडित/ हल्द्वानी

एंकर -उत्तराखंड को सैनिकों का प्रदेश का जाता है यहां के सैनिको का देश सेवा के साथ-साथ लोकतंत्र के इस बड़े पर्व में भी बड़ा योगदान रहता है। यहां के सैनिक अपने मताधिकार से किसी भी पार्टी को सत्ता से बाहर कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में यहां के मताधिकार सैनिकों की भूमिका बहुत अधिक बढ़ जाती है। बात नैनीताल लोकसभा सीट की करें तो इस संसदीय सीट से नैनीताल जिले में 5047 सैनिक और अर्धसैनिक बल के मतदाता हैं। जबकि 8 हजार पांच सौ नए युवा मतदाता है साथ ही 84 ऐसे मतदाता हैं जिनकी उम्र 100 वर्ष से अधिक है जो किसी भी प्रत्याशी को बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं।


Body:उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि नैनीताल जिले में साढ़े सात लाख से अधिक मतदाता हैं।अभी भी मतदाता बनाने की प्रक्रिया चल रहा है। जिसमें 5047 सैनिक और अर्धसैनिक बल के जवान हैं जो देश के अन्य जगह पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं । इस बार इन सैनिकों के मतदान के लिए अलग से व्यवस्था की गई है । जिला निर्वाचन विभाग द्वारा इन सैनिक मतदाताओं को एक लिंक भेजा जाएगा । सैनिक मतदाता इस लिंक के माध्यम से मतपत्र को डाउनलोड कर अपने मताधिकार का प्रयोग कर डाक के द्वारा जिला निर्वाचन विभाग को मतपत्र भेजेगा जो मतदान के दिन खोला जाएगा। वह इस बार युवा मतदाताओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है। जिले में करीब 8500 युवा मतदाता पहली बार लोकसभा में मतदान करेंगे जबकि 84 मतदाता ऐसे हैं जिनकी आयु सीमा 100 वर्ष से अधिक हो चुकी है।


Conclusion:उन्होंने बताया कि जिले मेअभी भी मतदाता बनाने की प्रक्रिया चल रहा है। जिले में 394 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। मतदान निष्पक्ष , पारदर्शिता और शांतिपूर्ण हो इसके लिए नैनीताल जनपद को 31 ज़ोन और 83 सेक्टर में बांटा।
बाइट- विनीत कुमार उप जिला निर्वाचन अधिकारी
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