हल्द्वानी: उत्तराखंड की संस्कृति और पारंपरिक त्योहार हरेला आज से शुरू हो गया है. आज ही हरेला पर्व और सावन का पहला सोमवार पड़ा है. इसलिए भगवान शिव की आराधना करने लोग सुबह से ही मंदिरों में आ रहे हैं. हल्द्वानी के आसपास श्री सिद्धेश्वर मंदिर, चारधाम मंदिर, जगदंबा मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही.
हल्द्वानी में मंदिरों में उमड़ा जनसैलाब: गौर हो कि कुमाऊं मंडल में पंचांग के हिसाब से सावन का पहला सोमवार मनाया जा रहा है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में सावन के दूसरे सोमवार को लेकर मंदिरों में भीड़ उमड़ रही है. सावन का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता है. लिहाजा हल्द्वानी में भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए लोग सुबह से ही मंदिरों में आ रहे हैं. उत्तराखंड में मनाए जाने वाला हरेला पर्व सुख-समृद्धि का प्रतीक है. हरेला त्योहार पर्व पर पौधरोपण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि सबसे अच्छी बात यह है कि हरेला त्योहार और सावन का पहला सोमवार एक दिन पड़े हैं. लिहाजा इससे बड़ा शुभ संयोग कुछ नहीं हो सकता है.
हरिद्वार में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी भीड़: हरिद्वार में आज सावन का दूसरा सोमवार है. भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए सुबह से भगवान भोलेनाथ की सुसराल दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. श्रद्धालु लंबी लाइनों में लगकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि भगवान शिव को सोमवार का दिन सबसे ज्यादा प्रिय होता. इसलिए इस दिन भगवान शिव की भक्ति और जलाभिषेक करने पर उनकी कृपा मिलती है. वहीं भगवान शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल स्थित दक्षेश्वर प्रजापति में ही निवास करते हैं और यहीं से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण करते हैं. इसलिए सावन माह में दक्षेश्वर प्रजापति मंदिर में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही है.
बागेश्वर में मंदिरों में उमड़ी भीड़: आज सावन के पहले सोमवार के साथ ही हरेला का त्योहार भी है. सावन के पहले सोमवार को आज बागेश्वर जिले के पौराणिक बागनाथ मंदिर समेत अन्य शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं ने बाबा बागनाथ का जलाभिषेक कर आर्शीवाद मांगा. वहीं घर-घर में हरेले का त्योहार भी धूमधाम से मनाया जा रहा है. बागेश्वर जिले में आज हरेले पर्व में रेडक्रास, जिला कार्यालय समेत वन विभाग ने वृहद पौधरोपण किया. उत्तराखंड में हरेला एक लोकप्रिय लोक त्योहार है, जिसे सावन मास की संक्रांति को मनाया जाता है. इस त्योहार को हरियाली के आगमन, घर की सुख-समृद्धि व भगवान शिव से जोड़कर देखा जाता है.