हल्द्वानी: कुमाऊं की शांत वादियों में अपराधिक गतिविधियां बढ़ने से पुलिस के लिए बड़ी चुनौती खड़ी होती जा रही है. आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया द्वारा मांगी जानकारी के अनुसार, राज्य बनने से अभी तक नैनीताल जिले में 383 लोगों की हत्या हुई है, जिनमें से पुलिस अभी तक 62 घटनाओं का खुलासा तक नहीं कर पाई है, जबकि 24 लाशों की शिनाख्त नहीं हो पाई.
आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय से सूचना मांगी कि राज्य बनने से अभी तक जिले में हत्या के कितने मामले सामने आए हैं, साथ ही कितने मामलों का निस्तारण कर दिया गया है. जिसके बाद बेहद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
आरटीआई रिपोर्ट में पुलिस ने बताया कि उत्तराखंड बनने के बाद अभी तक जिले में 383 लोगों की हत्या हो चुकी है. इन हत्याओं में 473 लोगों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की गई है. वहीं, 62 आरोपी फरार चल रहे हैं. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, 62 घटनाओं का अभी तक खुलासा भी नहीं हो पाया है, जबकि 24 लाशों की शिनाख्त तक नहीं हो पाई है.
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इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने बताया कि देवभूमि में लगातार अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है, लेकिन पुलिस इन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है. कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने लंबित मामलों का तुरंत निस्तारण करने की पुलिस से मांग की है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा ने बताया कि राज्य बनने से अभी तक की ये घटनाएं सामने आई हैं. जिले का कार्यभार कुछ दिन पहले ही संभाला है, लिहाजा इन अपराधों की समीक्षा की जाएगी.