हल्द्वानी: नगर में परिवहन विभाग की अधिकतर बसें मेंटेनेंस के अभाव में खस्ताहाल हैं. जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है. हालांकि, यात्रियों को सुरक्षित यात्रा कराना परिवहन विभाग की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. लेकिन परिवहन निगम ये सब जानकर भी अनजान बना हुआ है.
दरअसल, पहाड़ की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली रोडवेज बसों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. कुमाऊं मंडल के 9 परिवहन डिपो के अंतर्गत 432 बसें संचालित की जाती हैं. जिसमें हल्द्वानी डिपो में 76, अल्मोड़ा में 40, भवाली में 32, काशीपुर में 35, काठगोदाम में 78, रानीखेत में 26, रुद्रपुर में 56, रामनगर में 48 बसें संचालित की जाति है. जिसमें से अधिकतर बसें स्पेयर पार्ट्स के अभाव में वर्कशाप में धूल फांक रही है. आए दिन इन बसों में कोई न कोई खराबी आती रहती है.
वहीं, त्योहरों का सीजन भी नजदीक आ रहा है. जिसके चलते पहाड़ी क्षेत्रों में आवागमन के लिए आम लोगों के पास इन्हीं बसों का सहारा है. लेकिन, बसों की अनुउपलब्धता के चलते पीक सीजन में यात्रियों को परेशानी से दो चार होना पड़ सकता है. लेकिन परिवहन विभाग चैन की नींद सो रहा है.
जबकि, कुमाऊं मंडल परिवहन संचालक यशपाल सिंह मीडिया के सामने कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया है कि डिपो में 10 प्रतिशत बसें ऐसी हैं जो मेंटिनेंस के लिए वर्कशाप में खड़ी रहती है. नई बसों के लिए प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया है. प्रदेश में 300 नई बसें आने वाली हैं. तो पुरानी बसों को बाहर कर दिया जाएगा. जिससे कि त्योहारों और पिक सीजन के दौरान यात्रियों को कोई असुविधा ना हो.