नैनीतालः प्रदेश में लंबे समय से अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए आशा कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. जिसके तहत मंगलवार को आशा कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया. साथ ही नैनीताल के डीएम समीर बंसल को ज्ञापन सौंपा. जिसमें आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन, मानदेय या राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलने की बात कही गई है. आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करे ताकि वे प्रदेश में पहले की तरह काम कर सकें.
विरोध प्रदर्शन कर रही आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो स्वास्थ्य विभाग की रीड़ की हड्डी बन चुकी हैं. उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग और सरकार के तमाम अभियान और सर्वे आशाओं के दम पर ही संचालित हो रहे हैं. आशा वर्कर्स का कार्य आकस्मिक सेवा का है. चाहे रात हो या दिन वो काम में लगी रहती हैं वहीं वो गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा के दौरान हर हाल में अस्पताल पहुंचती हैं. इसके बाद भी उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जा रहा है और ना ही न्यूनतम मासिक वेतन.
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प्रदर्शन के दौरान आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि नियुक्ति के बाद से मातृ शिशु मृत्यु दर कम हुई है और सरकार की रिपोर्ट इसका प्रमाण है. आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत के बाद सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि देना बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. जिससे आशा कार्यकर्ताओं को मजबूरन कार्य बहिष्कार कर विरोध करना पड़ रहा है.