देहरादून, धीरज सजवाण: उत्तराखंड में 23 जनवरी को निकाय चुनाव के लिए वोटिंग हुई. तमाम हो हल्ले के बाद उत्तराखंड निकाय चुनाव में 65.03 फीसदी वोटिंग हुई. उत्तराखंड में इस बार का निकाय चुनाव तमाम अव्यवस्थाओं को लेकर सुर्खियों में रहा. सुबह से ही पोलिंब बूथों से परेशानियों की खबरें आनी शुरू हुई. ये हालात दिन चढ़ने के साथ बढ़ते गये. निकाय चुनाव के लिए जैसे जैसे वोटिंग ने रफ्तार पकड़ी वैसे वैसे प्रदेश के अलग अलग इलाकों से गड़बड़ियों की खबरें आनी शुरू हो गई. देर रात मत पेटी को लेकर भागते सोशल मीडिया पर भी कई वीडियो वायरल हुये.
23 जनवरी को उत्तराखंड में निकाय चुनाव के लिए वोटिंग हुई. इस निकाय चुनाव में वोटिंग के दौरान जो मंजर देखने को मिला वो पिछले कई सालों में नहीं दिखा. हर जगह से मतदान के दौरान कई गड़बड़ी की खबरें आई. सबसे पहले वोटर लिस्ट में नाम न होने की शिकायत आई. कई जगहों पर जब लोग मतदान करने गए तो उनका वोट पहले ही कोई दूसरा देकर आ चुका था. एक जगह से नहीं बल्कि कई अलग-अलग जगहों से इस तरह की शिकायतें सामने आई. देहरादून जिले की बात करें तो मसूरी से देहरादून नगर निगम के कई बूथों से इस तरह की जानकारी सामने आई.
अल्मोड़ा में तकरीबन ढाई सौ ऐसे लोगों की शिकायत सामने आई जो उत्तराखंड के बाहर से थे लेकिन उनका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज था. जिसकी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से शिकायत भी की गई. निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों तरफ से इस तरह की गड़बड़ी की शिकायतें की गई. दिन चढ़ते चढ़ते यह गुस्से में तब्दील हो गई. कई जगहों पर इसके बाद हंगामा होने लगे.
कल निकाय चुनाव के मतदान के दौरान कुछ बड़े हंगामों की बात करें तो सबसे बड़ा हंगामा रुड़की में हुआ. यहां कांग्रेस विधायक ममता राकेश का फूट-फूट कर रोने का वीडियो खूब वायरल हुआ. इस वीडियो के वायरल होने से पहले रुड़की में लाठी चार्ज का वीडियो भी सामने आया. इसी तरह से मसूरी नगर पालिका में भी दो पक्ष आपस में जमकर भिड़े. इस दौरान पुलिसकर्मी भी खड़े नजर आए. ठीक इसी तरह से उत्तरकाशी के बड़कोट में भी खूब बवाल मचा रहा. यहां स्थानीय विधायक और भाजपा के एक नेता आपस में लड़ते नजर आये.
मतदान के दौरान तमाम तकनीकी खराबियों और वोटर लिस्ट में गड़बड़ झाले को लेकर के भाजपा और कांग्रेस दोनों तरफ से विरोध में आवाज उठी. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा वोटिंग के दौरान पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल नजर आया. लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे. कई जगहों पर गड़बड़ियां देखने को मिली. इसके लिए निश्चित तौर से राज्य निर्वाचन आयोग जिम्मेदार है. उन्होंने कहा यह सब डबल इंजन की भाजपा सरकार में हो रहा है. इसलिए इसमें भाजपा के षड्यंत्र से इनकार नहीं किया जा सकता है.
दूसरी तरफ भाजपा की ओर से बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरेश बंसल ने भी राज्य निर्वाचन आयोग को खरी खोटी सुनाई. उन्होंने कहा बड़ी संख्या में लोगों के नाम वोटर लिस्ट से कटे हैं. जिसकी स्पष्ट रूप से जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा राज्य निर्वाचन आयोग को अपना काम जितनी तत्परता से करना चाहिए था उतनी तत्परता से नहीं किया गया है.
वहीं, निकाय चुनाव की वोटिंग के दौरान प्रदेश भर में फैली अराजकता को लेकर ईटीवी भारत ने राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब मांगने की कोशिश, मगर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी व्यस्तता बताकर केवल फोन पर ही जवाब दिया. राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा प्रदेश भर में हंगामे को लेकर के उनके पास किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आई है. मतपेटियों से हुई छेड़खानी को लेकर दो जगहों से शिकायत आई थी. जिस पर संबंधित जिलाधिकारी को जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं.
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