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40 सालों से राजस्व गांव बनने का इंतजार कर रहे बिंदुखत्ता के ग्रामीण, फिर किया प्रदर्शन

लगभग 40 साल पहले कुमाऊं व गढ़वाल के विभिन्न क्षेत्रों के लोग बड़ी तादात में बिंदुखत्ता में आकर बसे. ग्रामीणों के संघर्षों के बाद यहां धीरे-धीरे सड़क, स्कूल, अस्पताल समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो पाईं, लेकिन राजस्व गांव का मुद्दा लटका ही रह गया.

haldwani
बिंदुखत्ता के ग्रामीण
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Published : Dec 30, 2019, 9:36 PM IST

हल्द्वानी: 70 हजार की आबादी वाले वाले बिंदुखत्ता गांव को राजस्व गांव बनाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने लालकुआं में एक दिवसीय प्रदर्शन किया. किसान महासभा ने ग्रामीणों के साथ सड़कों पर जुलूस निकाला. जिसके बाद वे लालकुआं तहसील पहुंचे, जहां उन्होंने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज राजस्व गांव बनाने की मांग की.

किसान महासभा ने बिंदुखत्ता से लेकर लालकुआं तक सड़कों पर जुलूस निकाला. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया. किसान महासभा का कहना है पहले की राज्य सरकारों ने भी बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का वादा किया था, लेकिन किसी ने भी ये वादा पूरा नहीं किया, बल्कि बिंदुखत्ता के नाम पर सिर्फ राजनीति की गई. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी विधायक ने लालकुआं गांव को राजस्व गांव बनाने का वादा किया था, लेकिन तीन साल बाद भी बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने के लिए विधानसभा में मांग नहीं उठाई गई.

बिंदुखत्ता के ग्रामीणों का प्रदर्शन

पढ़ें- हल्द्वानीः प्रियंका गांधी से अभद्रता के खिलाफ कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन, फूंका पुतला

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि साल 2019 खत्म होने वाला है. वो सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार ग्रामीणों की सालों पूरी मांग को पूरा करे, नहीं तो 2020 में उनका आंदोलन और बड़ा होगा.

दरअसल लगभग 40 साल पहले कुमाऊं व गढ़वाल के विभिन्न क्षेत्रों के लोग बड़ी तादात में बिंदुखत्ता में आकर बसे. वह सब अलग-अलग कारणों से यहां आए थे. अपने अथक परिश्रम से ग्रामीणों ने बियावन क्षेत्र को रहने योग्य बनाया. समय बीतने के साथ-साथ ग्रामीणों के संघर्षों के बाद यहां धीरे-धीरे सड़क, स्कूल, अस्पताल समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो पाईं, लेकिन राजस्व गांव का मुद्दा लटका रह गया.

हल्द्वानी: 70 हजार की आबादी वाले वाले बिंदुखत्ता गांव को राजस्व गांव बनाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने लालकुआं में एक दिवसीय प्रदर्शन किया. किसान महासभा ने ग्रामीणों के साथ सड़कों पर जुलूस निकाला. जिसके बाद वे लालकुआं तहसील पहुंचे, जहां उन्होंने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज राजस्व गांव बनाने की मांग की.

किसान महासभा ने बिंदुखत्ता से लेकर लालकुआं तक सड़कों पर जुलूस निकाला. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया. किसान महासभा का कहना है पहले की राज्य सरकारों ने भी बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का वादा किया था, लेकिन किसी ने भी ये वादा पूरा नहीं किया, बल्कि बिंदुखत्ता के नाम पर सिर्फ राजनीति की गई. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी विधायक ने लालकुआं गांव को राजस्व गांव बनाने का वादा किया था, लेकिन तीन साल बाद भी बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने के लिए विधानसभा में मांग नहीं उठाई गई.

बिंदुखत्ता के ग्रामीणों का प्रदर्शन

पढ़ें- हल्द्वानीः प्रियंका गांधी से अभद्रता के खिलाफ कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन, फूंका पुतला

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि साल 2019 खत्म होने वाला है. वो सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार ग्रामीणों की सालों पूरी मांग को पूरा करे, नहीं तो 2020 में उनका आंदोलन और बड़ा होगा.

दरअसल लगभग 40 साल पहले कुमाऊं व गढ़वाल के विभिन्न क्षेत्रों के लोग बड़ी तादात में बिंदुखत्ता में आकर बसे. वह सब अलग-अलग कारणों से यहां आए थे. अपने अथक परिश्रम से ग्रामीणों ने बियावन क्षेत्र को रहने योग्य बनाया. समय बीतने के साथ-साथ ग्रामीणों के संघर्षों के बाद यहां धीरे-धीरे सड़क, स्कूल, अस्पताल समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो पाईं, लेकिन राजस्व गांव का मुद्दा लटका रह गया.

Intro:sammry- राजस्व गांव को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन।(विसुआल warp से उठाये)

एंकर- 70 हजार आबादी वाले वाले बिन्दुखत्ता गांव को राजस्व गांव बनाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने लालकुआं में एक दिवसीय प्रदर्शन किया। किसान महासभा ग्रामीणों के साथ सड़कों पर जुलूस निकाल लालकुआं तहसील पहुंच तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज राजस्व गांव बनाने की मांग की।


Body:किसान महासभा ने बिन्दुखत्ता से लेकर लालकुआं तक सड़कों पर जुलूस निकालते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की मांग की प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व के सरकारों ने भी बिन्दुखत्ता के नाम पर राजस्व गांव बनाने का वादा कर राजनीति की है । 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक ने लालकुआं गांव को राजस्व गांव बनाने का वादा किया था लेकिन 3 साल बाद भी एक बार भी बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने के लिए विधानसभा में मांग नहीं उठाई।


Conclusion:प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्ष 2019 की समाप्ति पर व सरकार को निवेदन कर रहे हैं कि सरकार ग्रामीणों की सालों पूरी मांग को पूरा करें नहीं तो 2020 में उनके लिए संघर्ष का साल होगा।


वाइट प्रदर्शनकारी
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