हल्द्वानी: 70 हजार की आबादी वाले वाले बिंदुखत्ता गांव को राजस्व गांव बनाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने लालकुआं में एक दिवसीय प्रदर्शन किया. किसान महासभा ने ग्रामीणों के साथ सड़कों पर जुलूस निकाला. जिसके बाद वे लालकुआं तहसील पहुंचे, जहां उन्होंने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज राजस्व गांव बनाने की मांग की.
किसान महासभा ने बिंदुखत्ता से लेकर लालकुआं तक सड़कों पर जुलूस निकाला. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया. किसान महासभा का कहना है पहले की राज्य सरकारों ने भी बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का वादा किया था, लेकिन किसी ने भी ये वादा पूरा नहीं किया, बल्कि बिंदुखत्ता के नाम पर सिर्फ राजनीति की गई. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी विधायक ने लालकुआं गांव को राजस्व गांव बनाने का वादा किया था, लेकिन तीन साल बाद भी बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने के लिए विधानसभा में मांग नहीं उठाई गई.
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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि साल 2019 खत्म होने वाला है. वो सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार ग्रामीणों की सालों पूरी मांग को पूरा करे, नहीं तो 2020 में उनका आंदोलन और बड़ा होगा.
दरअसल लगभग 40 साल पहले कुमाऊं व गढ़वाल के विभिन्न क्षेत्रों के लोग बड़ी तादात में बिंदुखत्ता में आकर बसे. वह सब अलग-अलग कारणों से यहां आए थे. अपने अथक परिश्रम से ग्रामीणों ने बियावन क्षेत्र को रहने योग्य बनाया. समय बीतने के साथ-साथ ग्रामीणों के संघर्षों के बाद यहां धीरे-धीरे सड़क, स्कूल, अस्पताल समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो पाईं, लेकिन राजस्व गांव का मुद्दा लटका रह गया.