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बाघ को पकड़ने के लिए सोनकोट के ग्रामीणों का वन चौकी पर प्रदर्शन, पुतला फूंका - Uttarakhand Forest Department

5 दिन पूर्व रानी बाग के सोनकोट तोक में बाघ द्वारा एक महिला पर हमला किए जाने और उसके बाद भी आदमखोर बाघ को क्षेत्र में लगातार देखे जाने के डर से ग्रामीणों ने आज वन विभाग की चौकी पर प्रदर्शन किया है.

Haldwani
बाघ को मारने के लिए लोगों ने किया वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : Jun 27, 2020, 9:02 PM IST

Updated : Jun 27, 2020, 9:47 PM IST

हल्द्वानी: पांच दिन पूर्व रानी बाग के सोनकोट तोक में बाघ द्वारा एक महिला पर हमला किए जाने और उसके बाद आदमखोर बाघ को क्षेत्र में लगातार देखे जाने के डर से ग्रामीणों ने आज वन विभाग की चौकी पर प्रदर्शन किया. साथ ही आदमखोर बाघ को मार गिराने या पिंजरे में कैद कर कहीं अन्य जगह छोड़े जाने की मांग की. इस दौरान लोगों ने वन विभाग का पुतला भी फूंका.

बता दें, दर्जनों ग्रामीणों ने वन विभाग पर बाघ को पकड़ने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उनका कहना था कि वन विभाग ने पिंजरे तो लगाए हैं, लेकिन उसमें बाघ को लालच देने के लिए मांस या जिंदा पशु नहीं रखा जा रहा है. वहीं, जब अधिकारियों को इस से अवगत कराया गया तो उनका कहना था कि विभाग के पास इसके लिए बजट नहीं है. ग्रामीणों में अब आदमखोर बाघ का डर लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिस कारण वे घरों में कैद होते जा रहे हैं.

बाघ को पकड़ने के लिए सोनकोट के ग्रामीणों का वन चौकी पर प्रदर्शन

पढ़े- अब तक नहीं हटा लालबकेया तटबंध की मरम्मती पर रोक, बाढ़ का खतरा मंडराया

ग्रामीणों का कहना है कि बाघ आदमखोर हो चुका है और वह शिकार की तलाश में इसी क्षेत्र में भटक रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों ने वन विभाग को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर बाघ को जल्द नहीं पकड़ा गया तो वन विभाग के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.

हल्द्वानी: पांच दिन पूर्व रानी बाग के सोनकोट तोक में बाघ द्वारा एक महिला पर हमला किए जाने और उसके बाद आदमखोर बाघ को क्षेत्र में लगातार देखे जाने के डर से ग्रामीणों ने आज वन विभाग की चौकी पर प्रदर्शन किया. साथ ही आदमखोर बाघ को मार गिराने या पिंजरे में कैद कर कहीं अन्य जगह छोड़े जाने की मांग की. इस दौरान लोगों ने वन विभाग का पुतला भी फूंका.

बता दें, दर्जनों ग्रामीणों ने वन विभाग पर बाघ को पकड़ने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उनका कहना था कि वन विभाग ने पिंजरे तो लगाए हैं, लेकिन उसमें बाघ को लालच देने के लिए मांस या जिंदा पशु नहीं रखा जा रहा है. वहीं, जब अधिकारियों को इस से अवगत कराया गया तो उनका कहना था कि विभाग के पास इसके लिए बजट नहीं है. ग्रामीणों में अब आदमखोर बाघ का डर लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिस कारण वे घरों में कैद होते जा रहे हैं.

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ग्रामीणों का कहना है कि बाघ आदमखोर हो चुका है और वह शिकार की तलाश में इसी क्षेत्र में भटक रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों ने वन विभाग को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर बाघ को जल्द नहीं पकड़ा गया तो वन विभाग के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.

Last Updated : Jun 27, 2020, 9:47 PM IST
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