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लालच में फंस गया किसान, इंश्योरेंस के नाम पर खेत बेचे और गंवा बैठा 3.50 करोड़

कोरोना काल में साइबर ठगी के मामले बढ़े हैं. साइबर क्राइम पुलिस के लिए एक चुनौती बना हुआ है. हल्द्वानी में (haldwani cyber fraud) साइबर ठगों ने इंश्योरेंस एजेंट (fake insurance agent) बनकर एक किसान (online fraud with farmer in haldwani) से साढ़े तीन करोड़ रुपए की ठगी कर ली.

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Published : Jul 7, 2021, 7:00 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड में साइबर ठगी (cyber fraud) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर ठगों की नजर आप लोगों के बैंक खातों पर होती है. आपकी छोटी सी गलती आपको बड़ी मुश्किल में डाल सकती है. साइबर ठग (cyber crime) मिनटों में आपकी जमा-पूंजी हड़प सकते हैं. ऑनलाइन फ्रॉड (online fraud) का ऐसा ही एक मामला नैनीताल जिले के हल्द्वानी (haldwani cyber fraud) से सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने इंश्योरेंस एजेंट (fake insurance agent) बनकर किसान को साढ़े तीन करोड़ रुपए का चूना लगाया है.

पीड़ित किसान ने हल्द्वानी कोतवाली पुलिस को एक तहरीर दी है. हल्द्वानी कोतवाली पुलिस (online fraud with farmer in haldwani) ने मामला साइबर थाने (Cyber Police Station Rudrapur) को ट्रांसफर कर दिया है. तहरीर में पीड़ित ने बताया कि दिसंबर 2017 में निजी बीमा पॉलिसी कंपनी का एजेंट बनकर एक व्यक्ति ने उसे फोन किया. एजेंट ने कहा कि यदि वो उनकी बीमा पॉलिसी में पैसा लगाते हैं तो उनको दोगुना पैसा मिलेगा. पीड़ित, फर्जी बीमा एजेंट के झांसे में आ गया और धीरे-धीरे पैसा जमा करने शुरू कर दिए.

पढ़ें- साइबर ठगों का नया हथियार, कोरोना सैंपल के नाम पर उड़ाए 75 हजार

इसी बीच बीमा एजेंट ने पीड़ित को लालच दिया कि वो मोटी रकम लगाए, जिससे उसे बड़ा मुनाफा मिलेगा. पीड़ित ने लालच में आकर अपनी 10 बीघा जमीन बेच दी और जमीन बेचकर मिले सभी पैसे पीड़ित ने बीमा पॉलिसी में लगा दिए. यानी कि आरोपी द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए. इसी तरह किसान ने करीब साढ़े तीन करोड़ इंश्योरेंस के नाम बताए गए खाते में जमा कर दिए. इन तीन सालों में किसान को एक बार भी ठगी का अहसास नहीं हुआ.

साइबर ठगों ने पीड़ित को विश्वास दिलाने के लिए 64 लाख रुपए का चेक भी भेजा. जब पीड़ित ने उस चेक को बैंक में लगाया तो वो बाउंस हो गया. इसके बाद पीड़ित ने ठगों को फोन किया तो उन्होंने उसको विश्वास दिलाने के लिये ई-मेल के जरिये 4 करोड़ 76 लाख रुपये का डिमाण्ड ड्रॉफ्ट भी भेजा. इस डिमाण्ड ड्रॉफ्ट से भी पीड़ित को कोई पैसा नहीं मिला.

इसके बाद किसान को अपने साथ ठगी का एहसास हुआ और उसने हल्द्वानी कोतवाली में तहरीर दी. हल्द्वानी कोतवाली पुलिस ने ये मामला साइबर क्राइम थाने को ट्रांसफर कर दिया. पुलिस क्षेत्राधिकारी शांतनु पराशर ने कहा कि मामला बड़ा होने के कारण साइबर थाने ने मुकदमा एसटीएफ को ट्रांसफर कर दिया है. किसान ने जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए हैं, उनकी डिटेल निकाली जा रही है. एसटीएफ ने पूरे मामले में जांच शुरू कर दी है. ठगों के तार राजस्थान और हरियाणा से जुड़े हो हो सकते हैं.

पढ़ें- साइबर ठगी में देहरादून पांचवें स्थान पर, हर दिन 5 लोग होते हैं शिकार

साइबरों ठगों से बचने के लिए इन बातों का विशेष ध्यान रखें. इंश्योरेंस, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या फिर अन्य बैंक से संबंधित किसी भी तरह की कॉल आए तो पहले उसका सत्यापन जरूर करें. कॉल करने वाले व्यक्ति को अपनी पर्सनल जानकारी शेयर न करें. किसी को भी मोबाइल पर आया ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) शेयर न करें. मोबाइल पर अनजान व्यक्ति द्वारा या फिर अन्य माध्यम से आए लिंक पर क्लिंक न करें.

हल्द्वानी: उत्तराखंड में साइबर ठगी (cyber fraud) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर ठगों की नजर आप लोगों के बैंक खातों पर होती है. आपकी छोटी सी गलती आपको बड़ी मुश्किल में डाल सकती है. साइबर ठग (cyber crime) मिनटों में आपकी जमा-पूंजी हड़प सकते हैं. ऑनलाइन फ्रॉड (online fraud) का ऐसा ही एक मामला नैनीताल जिले के हल्द्वानी (haldwani cyber fraud) से सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने इंश्योरेंस एजेंट (fake insurance agent) बनकर किसान को साढ़े तीन करोड़ रुपए का चूना लगाया है.

पीड़ित किसान ने हल्द्वानी कोतवाली पुलिस को एक तहरीर दी है. हल्द्वानी कोतवाली पुलिस (online fraud with farmer in haldwani) ने मामला साइबर थाने (Cyber Police Station Rudrapur) को ट्रांसफर कर दिया है. तहरीर में पीड़ित ने बताया कि दिसंबर 2017 में निजी बीमा पॉलिसी कंपनी का एजेंट बनकर एक व्यक्ति ने उसे फोन किया. एजेंट ने कहा कि यदि वो उनकी बीमा पॉलिसी में पैसा लगाते हैं तो उनको दोगुना पैसा मिलेगा. पीड़ित, फर्जी बीमा एजेंट के झांसे में आ गया और धीरे-धीरे पैसा जमा करने शुरू कर दिए.

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इसी बीच बीमा एजेंट ने पीड़ित को लालच दिया कि वो मोटी रकम लगाए, जिससे उसे बड़ा मुनाफा मिलेगा. पीड़ित ने लालच में आकर अपनी 10 बीघा जमीन बेच दी और जमीन बेचकर मिले सभी पैसे पीड़ित ने बीमा पॉलिसी में लगा दिए. यानी कि आरोपी द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए. इसी तरह किसान ने करीब साढ़े तीन करोड़ इंश्योरेंस के नाम बताए गए खाते में जमा कर दिए. इन तीन सालों में किसान को एक बार भी ठगी का अहसास नहीं हुआ.

साइबर ठगों ने पीड़ित को विश्वास दिलाने के लिए 64 लाख रुपए का चेक भी भेजा. जब पीड़ित ने उस चेक को बैंक में लगाया तो वो बाउंस हो गया. इसके बाद पीड़ित ने ठगों को फोन किया तो उन्होंने उसको विश्वास दिलाने के लिये ई-मेल के जरिये 4 करोड़ 76 लाख रुपये का डिमाण्ड ड्रॉफ्ट भी भेजा. इस डिमाण्ड ड्रॉफ्ट से भी पीड़ित को कोई पैसा नहीं मिला.

इसके बाद किसान को अपने साथ ठगी का एहसास हुआ और उसने हल्द्वानी कोतवाली में तहरीर दी. हल्द्वानी कोतवाली पुलिस ने ये मामला साइबर क्राइम थाने को ट्रांसफर कर दिया. पुलिस क्षेत्राधिकारी शांतनु पराशर ने कहा कि मामला बड़ा होने के कारण साइबर थाने ने मुकदमा एसटीएफ को ट्रांसफर कर दिया है. किसान ने जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए हैं, उनकी डिटेल निकाली जा रही है. एसटीएफ ने पूरे मामले में जांच शुरू कर दी है. ठगों के तार राजस्थान और हरियाणा से जुड़े हो हो सकते हैं.

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साइबरों ठगों से बचने के लिए इन बातों का विशेष ध्यान रखें. इंश्योरेंस, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या फिर अन्य बैंक से संबंधित किसी भी तरह की कॉल आए तो पहले उसका सत्यापन जरूर करें. कॉल करने वाले व्यक्ति को अपनी पर्सनल जानकारी शेयर न करें. किसी को भी मोबाइल पर आया ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) शेयर न करें. मोबाइल पर अनजान व्यक्ति द्वारा या फिर अन्य माध्यम से आए लिंक पर क्लिंक न करें.

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